Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Nov, 2022 12:49 PM
केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में आई नरमी के बाद मंगलवार को जैविक गैर-बासमती चावलों के निर्यात पर लगी पाबंदी हटा दी है। घरेलू बाजार में चावल की आपूर्ति बढ़ने से इसकी कीमतों में भी गिरावट आई है। सरकार ने अब टूटे चावल सहित गैर-बासमती...
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में आई नरमी के बाद मंगलवार को जैविक गैर-बासमती चावलों के निर्यात पर लगी पाबंदी हटा दी है। घरेलू बाजार में चावल की आपूर्ति बढ़ने से इसकी कीमतों में भी गिरावट आई है। सरकार ने अब टूटे चावल सहित गैर-बासमती किस्म के चावल के निर्यात पर लगाए प्रतिबंध को हटा लिया है।
आपको बता दें कि भारत सरकार ने सितंबर की शुरुआत में घरेलू बाजार में चावल की उपलब्धता बढ़ाने के मकसद से जैविक गैर-बासमती और टूटे चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी। घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में आ रही तेजी को रोकने के लिए सरकार ने इसके निर्यात पर लगने वाली ड्यूटी को बढ़ाकर 20% करने का फैसला लिया था।
क्यों लगी थी चावल निर्यात पर पाबंदी?
इस साल देश के कुछ राज्यों में बारिश औसत से भी कम होने के कारण धान का बुवाई क्षेत्र घट गया था। इससे चावल का उत्पादन प्रभावित हो गया। इसे देखते हुए सरकार ने घरेलू सप्लाई को बढ़ाने के लिए टूटे चावल और जैविक गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी। भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। वर्ष 2020-21 के दौरान भारत ने 150 से भी ज्यादा देशों को चावल निर्यात किया था। चावल के वैश्विक व्यापार में भारत की 40 फीसदी भागीदारी है।
फॉरेन ट्रेड के डायरेक्टोरेट जनरल ने मंगलवार को कहा कि टूटे हुए चावल और जैविक गैर-बासमती चावल के निर्यात पर अब पहले वाले नियम ही चलेंगे। बता दें कि अचानक से लगी रोक के कारण बड़ी मात्रा में चावल का स्टॉक बंदरगाहों पर फंस गया था।