Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Mar, 2023 10:42 AM

टैक्स चोरी करने वालों को लेकर GST विभाग सख्त रवैया अपना रहा है। टैक्स चोरी करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए विभाग अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से दिए गए डेटा और मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) के डेटा से मैच करेगा। जिन LLP (limited...
नई दिल्लीः टैक्स चोरी करने वालों को लेकर GST विभाग सख्त रवैया अपना रहा है। टैक्स चोरी करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए विभाग अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से दिए गए डेटा और मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) के डेटा से मैच करेगा। जिन LLP (limited liability partnership) और कंपनियों का संचालन MCA करती है उनकी कंपनियों की जानकारी GST विभाग के साथ शेयर की जाएगी। बता दें कि करीब 1.3 करोड़ बिजनेस और सर्विस प्रोवाइडर्स GST के तहत रजिस्टर्ड हैं। कोरोना महामारी के बाद इकॉनमी में सुधार देखने को मिला है, जिसके बाद बीते 12 महीनों में GST के तहत होने वाला मंथली टैक्स कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ITR फाइल करने वालों का डेटा GST विभाग मैच करेगा और इसके बाद MCA द्वारा संचालित कंपनियां और LLP के GST रिटर्न के साथ भी फाइनेंशियल डिटेल्स भी मिलाई जाएंगी। बता दें कि ऐसा करने के पीछे का कारण उन लोगों को पकड़ना है जो GST न चुका कर टैक्स चोरी करते हैं। इसके अलावा, वो लोग भी पकड़े जाएंगे जो लोग अलग-अलग रेगुलेटर्स को अलग जानकारियां देते हैं। जिन लोगों को गलत रिटर्न फाइल करने का नोटिस मिलता है तो उन्हें इसका जबाव देना होगा।
खबरों के मुताबिक, GST विभाग टैक्स डिफॉल्टर्स को पकड़ने के लिए डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहा है। इसके साथ ही विभाग रजिस्ट्रेशन एप्लिकेशन की जांच भी बारीकी से कर रहा है। अगर कोई नया बिजनेस शुरू कर रहा है तो विभाग रजिस्ट्रेशन के लिए ज्यादा जानकारी मांग रहा है। टैक्सचोरों पर लगाम लगाने के लिए सरकार अलग-अलग टैक्स और रेगुलेटरी डेटाबेस के जरिए करदाताओं का पूरा प्रोफाइल बना रही है ताकि अगर कोई टैक्स चोरी करता है तो वो पकड़ी जा सके। जीएसटी विभाग ने कर चोरी के कई मामले पकड़े हैं और साथ ही उनके खिलाफ एक्शन भी लिया है।