Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 May, 2025 06:09 PM

तेल उत्पादक देशों के संगठन ‘ओपेक' ने अपने नवीनतम वैश्विक परिदृश्य में कहा है कि भारत की कच्चे तेल की मांग वर्ष 2025 और 2026 में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है और यह चीन की मांग की तुलना में दोगुनी होगी। भारत की तेल
बिजनेस डेस्कः तेल उत्पादक देशों के संगठन ‘ओपेक' ने अपने नवीनतम वैश्विक परिदृश्य में कहा है कि भारत की कच्चे तेल की मांग वर्ष 2025 और 2026 में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है और यह चीन की मांग की तुलना में दोगुनी होगी। भारत की तेल मांग वर्ष 2024 में 55.5 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) से बढ़कर वर्ष 2025 में 57.4 लाख बैरल प्रति दिन पर पहुंचने का अनुमान है, जो कि 3.39 प्रतिशत की वृद्धि है। इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों से मदद मिलेगी।
अनुमान है कि 2026 में यह 4.28 प्रतिशत की दर से बढ़कर 59.9 लाख बीपीडी हो जाएगी। मांग में यह वृद्धि 2025 में चीन की तेल मांग में 1.5 प्रतिशत और 2026 में 1.25 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि से अधिक है लेकिन निरपेक्ष रूप से, अमेरिका 2025 में 2.05 करोड़ बीपीडी की मांग के साथ सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता बना रहेगा, उसके बाद चीन (2025 में 1.69 करोड़ बीपीडी और 2026 में 1.71 करोड़ बीपीडी) का स्थान होगा। भारत तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। अमेरिका में 2025 में 0.09 प्रतिशत और 2026 में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
धीमी वृद्धि के बावजूद, ओपेक को उम्मीद है कि 2025 और 2026 दोनों में वैश्विक तेल मांग में 13 लाख बीपीडी की वृद्धि होगी, जो इसके पिछले पूर्वानुमान से अपरिवर्तित है। ओपेक मासिक तेल बाजार रिपोर्ट में कहा गया, “भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष की शुरुआत से लगातार बढ़ रही है। मजबूत आर्थिक वृद्धि की मौजूदा गति जारी रहने की उम्मीद है, जो कि उपभोक्ता खर्च, निवेश और प्रमुख क्षेत्रों के लिए सरकारी समर्थन से प्रेरित है।”