भारत के सेवा क्षेत्र में नए ऑर्डर प्रवाह से अप्रैल में मामूली सुधार

Edited By Updated: 06 May, 2025 01:44 PM

india s services sector improves marginally in april on new order inflows

भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधि में अप्रैल में मामूली सुधार दर्ज किया गया। यह मुख्य रूप से नए ऑर्डर प्रवाह में तेजी से प्रेरित रहा। मंगलवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात कही गई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबारी गतिविधि...

नई दिल्लीः भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधि में अप्रैल में मामूली सुधार दर्ज किया गया। यह मुख्य रूप से नए ऑर्डर प्रवाह में तेजी से प्रेरित रहा। मंगलवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात कही गई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबारी गतिविधि सूचकांक अप्रैल में 58.7 रहा जो मार्च में 58.5 पर था। यह आंकड़ा इसके दीर्घकालिक औसत 54.2 से अधिक है। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है।

एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां पिछले महीने की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ी हैं। मार्च में राहत मिलने के बाद नए निर्यात ऑर्डर में तेजी आई है, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ रहे हैं।'' उत्पादन में समग्र विस्तार नए व्यवसाय में उल्लेखनीय वृद्धि से प्रेरित रहा जो आठ महीनों में संयुक्त रूप से सबसे अच्छा था। कई कंपनियों ने अनुकूल मांग की स्थिति और सफल विपणन प्रयासों का उल्लेख किया। इसके अलावा, भारतीय कंपनियों को अपनी सेवाओं के लिए बेहतर अंतरराष्ट्रीय मांग से लाभ मिलना जारी रहा, जिसमें एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका को विशेष रूप से ताकत के स्रोत के रूप में उद्धृत किया गया। कुल मिलाकर, नए निर्यात ऑर्डर जुलाई 2024 के बाद से सबसे तेज गति से बढ़े। 

नए ऑर्डर के प्रवाह में तीव्र वृद्धि के कारण भारतीय सेवा कंपनियों ने अप्रैल में लगातार 35 वें महीने अपने कार्यबल की संख्या में वृद्धि की। सर्वेक्षण में कहा गया कि कंपनियों ने ग्राहकों की बढ़ती मांग का लाभ उठाने के लिए पूर्णकालिक और अंशकालिक कर्मचारियों के साथ परिचालन क्षमता में वृद्धि की। मूल्य निर्धारण के मोर्चे पर, भारतीय सेवा कंपनियों ने अप्रैल के दौरान अपने औसत विक्रय मूल्यों में वृद्धि की क्योंकि वे ग्राहकों पर उच्च लागत का बोझ डालना चाहते थे। 

सर्वेक्षण में कहा गया, ‘‘शुल्क मुद्रास्फीति की दर ठोस रही जो मार्च की तुलना में अधिक थी और अपने दीर्घकालिक औसत से अधिक है।'' भंडारी ने कहा, ‘‘लागत दबाव कम होने और शुल्क में तेजी से वृद्धि होने के कारण मुनाफे में सुधार हुआ।'' इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक मार्च के 59.5 से बढ़कर अप्रैल में 59.7 हो गया। समग्र पीएमआई सूचकांक तुलनीय विनिर्माण व सेवा पीएमआई सूचकांकों का भारित औसत है। एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के समूह को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।  
 

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