Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 May, 2025 12:55 PM

भारत सरकार ने सोना और चांदी के आयात को लेकर नए सख्त नियम लागू किए हैं। ये नियम खासतौर पर अधबने, पूरी तरह से न बने या पाउडर रूप में मौजूद सोने-चांदी पर लागू होंगे, जिनका उपयोग अक्सर औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
बिजनेस डेस्कः भारत सरकार ने सोना और चांदी के आयात को लेकर नए सख्त नियम लागू किए हैं। ये नियम खासतौर पर अधबने, पूरी तरह से न बने या पाउडर रूप में मौजूद सोने-चांदी पर लागू होंगे, जिनका उपयोग अक्सर औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
सरकार का यह कदम 2026 के केंद्रीय बजट में घोषित प्रस्तावों के अनुरूप है। अब केवल नामित एजेंसियां, कुछ चुनिंदा आभूषण निर्माता और भारत-यूएई समझौते के तहत टैरिफ रेट कोटा (TRQ) धारक ही इस प्रकार का आयात कर सकेंगे यानी आम व्यापारियों या यात्रियों के लिए दुबई से सीधे सोना लाना अब मुमकिन नहीं होगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
दरअसल, कुछ व्यापारी दुबई से 99% शुद्धता वाला सोना प्लैटिनम के रूप में दिखाकर कम कस्टम ड्यूटी का लाभ उठा रहे थे। भारत और यूएई के बीच हुए समझौते में कुछ धातुओं पर टैक्स छूट दी जाती है और इसी का दुरुपयोग हो रहा था।
अब सरकार ने ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए 99% या उससे अधिक शुद्ध प्लैटिनम के लिए एक अलग HS कोड (हैरमोनाइज्ड सिस्टम कोड) लागू किया है। यह कोड आयात-निर्यात के वर्गीकरण और कर निर्धारण के लिए प्रयोग होता है।
पारदर्शिता और नियंत्रण की दिशा में कदम
नई व्यवस्था के तहत, भारत अब हर साल 200 मीट्रिक टन तक सोना यूएई से सिर्फ 1% कम टैक्स पर आयात कर सकेगा, लेकिन इसके लिए TRQ परमिट होना जरूरी होगा। इस तरह सरकार न केवल कर संग्रह को मजबूत करेगी, बल्कि आयात में पारदर्शिता और नियंत्रण भी सुनिश्चित करेगी।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, इन बदलावों से गलत तरीके से टैक्स लाभ उठाने वालों पर लगाम लगेगी और आयात संबंधी नियमों को ज्यादा संगठित और स्पष्ट बनाया जा सकेगा।