केयर्न के मुकदमे पर न्यूयॉर्क कोर्ट ने लगाई रोक, कहा- भारत सरकार से बात कर निपटाएं मामला

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Sep, 2021 03:20 PM

new york court put a stay on cairn s case said settle the matter

न्यूयॉर्क की एक अदालत ने केयर्न इंडिया द्वारा अमेरिका में एयर इंडिया की परिसंपत्तियों पर नियंत्रण हासिल करने के मुकदमे को फिलहाल रोक दिया है। मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने भारत सरकार के खिलाफ केयर्न के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले के तहत

नई दिल्लीः न्यूयॉर्क की एक अदालत ने केयर्न इंडिया द्वारा अमेरिका में एयर इंडिया की परिसंपत्तियों पर नियंत्रण हासिल करने के मुकदमे को फिलहाल रोक दिया है। मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने भारत सरकार के खिलाफ केयर्न के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले के तहत ब्रिटिश कंपनी केयर्न को सरकार से 1.2 अरब डॉलर की वसूली करनी थी। न्यूयॉर्क की अदालत ने केयर्न को भारत सरकार के साथ लंबे समय से जारी विवाद को निपटाने के लिए समय देने को फिलहाल इस मामले को रोक दिया है। 

मुकदमे को 18 नवंबर तक टाला 
न्यूयॉर्क जिला अदालत ने इस कर मुकदमे को 18 नवंबर तक टाल दिया है। इससे पहले केयर्न इंडिया और एयर इंडिया ने संयुक्त रूप से अदालत से इस मामले में प्रक्रिया को रोकने का आग्रह किया था। भारत सरकार ने पिछली तारीख से कराधान को समाप्त कर दिया था और नया कानून लागू किया था। जिसके बाद केयर्न इंडिया ने अदालत से यह आग्रह किया था। नए कानून के बाद सरकार केयर्न से 10,247 करोड़ रुपए की कर मांग को वापस लेगी। 

वित्त मंत्रालय कर रहा नए नियम तैयार
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय नए नियम तैयार कर रहा है जिसके तहत केयर्न और 16 अन्य कंपनियों के खिलाफ पिछली तारीख से कर की मांग को वापस लिया जाएगा। इनमें ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन ग्रुप से भी कर मांग शामिल है। इन नियमों के तहत कंपनियों को सरकार के खिलाफ सभी मुकदमे वापस लेने होंगे। उसके एवज में सरकार उनसे वसूला गया पैसा वापस लौटाएगी। इसके बाद ही मामले का निपटान होगा। 

सरकार को करीब 8100 करोड़ रुपए लौटाने
कंपनियों को एक फॉर्मेट का इस्तेमाल कर इस बारे में आश्वासन देना होगा। उसके बाद उनसे वसूला गया धन लौटाया जाएगा। कुल मिलाकर सरकार को करीब 8,100 करोड़ रुपए की राशि लौटानी है। इसमें से 7,900 करोड़ रुपए अकेले केयर्न को लौटाए जाने हैं। 

ब्रिटेन की कंपनी ने इस तरह के कर को लेकर अंतरराष्ट्रीय पंचाट में भारत सरकार के खिलाफ मामला जीता था। सरकार ने इस मध्यस्थता फैसले को मानने और 1.2 अरब डॉलर मय ब्याज और जुर्माना लौटाने से इनकार कर दिया था। उसके बाद कंपनी ने एयर इंडिया की परसंपत्तियों पर नियंत्रण के लिए मुकदमा दायर किया था। केयर्न ने इस बात का संकेत दिया है कि उसे यदि यह राशि बिना ब्याज और जुर्माने के भी लौटाई जाती है, तो वह उसे स्वीकार करेगी। 

एयर इंडिया के खिलाफ मई में दायर किया था मुकदमा
केयर्न और एयर इंडिया ने 13 सितंबर को संयुक्त रूप से अमेरिकी जिला न्यायाधीश पॉल गार्डफे से इस मामले को रोकने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि इससे उन्हें पिछली तारीख से कराधान कानून के स्थान पर लाए गए नए कानून के प्रभावों का आकलन करने का समय मिलेगा। इनमें से एक मुकदमा सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया के खिलाफ मई में दायर किया गया था। 

पिछली तारीख से कराधान को समाप्त करने के बाद सरकार इन कंपनियों से जुटाई गई 8,100 करोड़ रुपये की राशि लौटाएगी। इसके लिए कंपनियों को सरकार के खिलाफ मुकदमों को वापस लेना होगा। केयर्न के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) साइमन थॉमसन ने इससे पहले इसी महीने कहा था कि एक बार 7,900 करोड़ रुपए का भुगतान मिलने के बाद इन मुकदमों को वापस ले लिया जाएगा। 

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