New Rule: अब घड़ी, चश्मा, बैग या जूते खरीदना पड़ेगा महंगा, लागू हो गया नया नियम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Apr, 2025 05:38 PM

now buying a watch glasses bag or shoes will be expensive new rule has

अब अगर आप महंगी कलाई घड़ी, लग्जरी बैग, जूते या चश्मा खरीदने का सोच रहे हैं, तो आपको थोड़ा और खर्च करना पड़ सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक नई सूची जारी की है, जिसमें कई लग्जरी उत्पादों को शामिल किया गया है और इनकी खरीद पर 1% स्रोत...

बिजनेस डेस्कः अब अगर आप महंगी कलाई घड़ी, लग्जरी बैग, जूते या चश्मा खरीदने का सोच रहे हैं, तो आपको थोड़ा और खर्च करना पड़ सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक नई सूची जारी की है, जिसमें कई लग्जरी उत्पादों को शामिल किया गया है और इनकी खरीद पर 1% स्रोत पर कर (TCS) वसूला जाएगा। यह नया नियम 22 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुका है।

किन चीज़ों पर लगेगा TCS?

CBDT की ओर से जारी की गई सूची में निम्न लग्जरी वस्तुएं शामिल हैं:

  • लग्जरी घड़ियां (Wrist Watches)
  • एंटीक आर्ट जैसे पेंटिंग्स और मूर्तियां
  • संग्रहणीय चीजें जैसे सिक्के और डाक टिकट
  • यॉट्स, रोइंग बोट्स, कैनो और हेलीकॉप्टर
  • लग्जरी धूप का चश्मा (Sunglasses)
  • महंगे हैंडबैग, पर्स
  • ब्रांडेड और लग्जरी जूते
  • स्पोर्ट्स आइटम जैसे गोल्फ किट, स्की वियर
  • होम थिएटर सिस्टम
  • पोलो या रेस क्लब के लिए घोड़े

कितने खर्च पर लगेगा टैक्‍स

सीबीडीटी ने नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि यदि सामान खरीदने पर खर्च की गई राशि 10 लाख रुपए से अधिक है, तभी इस पर TCS लगाया जाएगा। इसका मतलब है कि अगर आप 10 लाख रुपए कीमत वाली ओमेगा घड़ी खरीदते हैं तो दुकानदार ग्राहक से 1 फीसदी टीसीएस वसूल करेगा। इसी तरह, यदि आप एक होम थिएटर सिस्टम खरीदते हैं जिसकी कीमत 10 लाख रुपए से अधिक है तो भी विक्रेता आपसे टैक्‍स वसूल करेगा। 

TCS का लाभ कैसे उठाएं? जानिए प्रक्रिया

CBDT ने अपने नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया है कि जब ग्राहक लग्जरी आइटम की खरीद पर TCS का भुगतान करता है, तो विक्रेता की जिम्मेदारी होती है कि वह यह टैक्स ग्राहक के PAN नंबर से लिंक कर के जमा करे। इसके बाद ग्राहक इस TCS को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय टैक्स क्रेडिट के रूप में क्लेम कर सकता है। यह प्रक्रिया ठीक उसी तरह है जैसे नियोक्ता वेतन से TDS काटकर कर्मचारी के PAN पर जमा करता है। 

यदि किसी खरीदार की कुल टैक्स देनदारी TCS से कम हो, तो वह अपनी ITR में रिफंड का दावा कर सकता है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि खरीदार विक्रेता से TCS प्रमाणपत्र जरूर प्राप्त करे, जिससे टैक्स कटौती का प्रमाण मिल सके।
 

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