इकोनॉमी में हो रहा तेजी से सुधार, CEA बोले- GDP ग्रोथ रहेगी 7% से ज्यादा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Mar, 2023 10:34 AM

rapid improvement in the economy cea said  gdp growth will be more than 7

देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि इकोनॉमी से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़ों के संशोधित अनुमान को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना है। हाल में राष्ट्रीय...

बिजनेस डेस्कः देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि इकोनॉमी से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़ों के संशोधित अनुमान को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना है। हाल में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने भी जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं। एनएसओ के दूसरे अग्रिम अनुमान में वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है जबकि जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में भी जीडीपी वृद्धि दर इतनी ही रहने का अनुमान लगाया गया था।

नीचे नहीं, ऊपर जाएगी इकोनॉमी

नागेश्वरन ने कहा कि महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स को देखते हुए और जिस तेजी से उसमें सुधार हो रहा है, उसके आधार पर उनका मानना है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर नीचे जाने के बजाए ऊपर रहेगी।

अभी देश में रियल जीडीपी ग्रोथ रेट (2011-12 के बेस प्राइस पर आधारित) 2022-23 में 159.71 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जबकि 2021-22 के पहले संशोधित अनुमान में इसके 149.26 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया था।

2021-22 में 9.1 प्रतिशत था ग्रोथ रेट

एनएसओ के अनुसार बेस प्राइस पर जीडीपी वृद्धि दर 2022-23 में सात प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2021-22 में 9.1 प्रतिशत थी। मुख्य रूप से मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर धीमी पड़कर 4.4 प्रतिशत रही है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने मंगलवार को पिछले तीन साल 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के जीडीपी वृद्धि दर के आंकड़ों को संशोधित किया और साथ ही 2022-23 के लिए दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया।

ब्याज दर बढ़ाने से नहीं घटी ग्रोथ

वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि ब्याज दर में जो वृद्धि हो रही है, वह घटती आर्थिक वृद्धि दर का कारण नहीं हो सकता। यह वास्तव में कर्ज की अच्छी मांग के तथ्य को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि वास्तविक ब्याज दर इस समय कोई बहुत ऊंची नहीं है। कुछ क्षेत्रों में पहले की दबी हुई मांग अब सामने आ रही है।

ग्रामीण महंगाई ऊंची रहने के बारे में नागेश्वरन ने कहा कि इसमें इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया गया कि आबादी के बड़े हिस्से को बिना किसी राशि के जरूरी खाद्य सामान मिल रहा है। डिजिटलीकरण के आर्थिक लाभ के बारे में उन्होंने कहा कि डिजिटल लेन-देन में वृद्धि से संगठित क्षेत्र का दायरा बढ़ा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!