Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Nov, 2025 01:43 PM

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहा है लेकिन साहस दिखाने की आवश्यकता के कारण हाल ही में बैंकों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले नियमों में ढील दी गई है।...
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहा है लेकिन साहस दिखाने की आवश्यकता के कारण हाल ही में बैंकों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले नियमों में ढील दी गई है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ओर से यहां आयोजित कार्यक्रम में मल्होत्रा ने साथ ही स्पष्ट किया कि बैंकों पर अधिक जिम्मेदारियां उनके बेहतर प्रदर्शन एवं बेहतर कामकाज के कारण हैं।
केंद्रीय बैंक के पास किसी भी गलत व्यवहार पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त साधन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई सूक्ष्म प्रबंधन नहीं करना चाहता है। कोई भी नियामक ‘बोर्डरूम' के निर्णय का स्थान नहीं ले सकता है और न ही उसे ऐसा करना चाहिए। प्रत्येक मामले को विनियमित संस्था द्वारा योग्यता के आधार पर देखा जाना चाहिए। आरबीआई ने पिछले महीने कई उपायों की घोषणा की थी जिनमें बैंकों को घरेलू अधिग्रहणों के लिए धन मुहैया कराने और रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए विदेशी उधारी लेने की अनुमति देना शामिल है। पदभार ग्रहण करने के बाद से मल्होत्रा ने कारोबार को आसान बनाने और किसी भी कदम की घोषणा करने से पहले नियमों को ध्यान में रखने पर जोर दिया है।
मल्होत्रा ने इन कदमों के पीछे के तर्क को स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘ ...जबकि हम सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं, हमें साहस भी दिखाना होगा।'' गवर्नर ने कहा कि अल्पकालिक वृद्धि के पीछे भागते हुए वित्तीय स्थिरता से समझौता करने से वृद्धि पर दीर्घकालिक प्रभाव होगा जिससे लागत बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक को आर्थिक संदर्भ के प्रति सचेत रहने और संतुलन बनाने की आवश्यकता है। रियल एस्टेट कंपनियों को विदेश से उधार लेने की अनुमति देने के कदम पर स्पष्टीकरण देते हुए मल्होत्रा ने कहा कि ईसीबी की अनुमति केवल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों के अनुरूप परियोजनाओं के लिए है। किसी भी सट्टा गतिविधि या भूमि खरीद के लिए यह प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई सार्वजनिक परामर्श और इस कदम के प्रभाव का आकलन करने के बाद नियम बनाने की प्रक्रिया को अधिक खुला, आंकड़ों एवं साक्ष्यों पर आधारित बनाने का प्रयास कर रहा है।