Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 May, 2025 10:43 AM

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह केवाईसी और निष्क्रिय खातों से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए बैंकों को बैंक प्रतिनिधियों (बीसी) के विशाल नेटवर्क की मदद लेने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक को अपने...
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह केवाईसी और निष्क्रिय खातों से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए बैंकों को बैंक प्रतिनिधियों (बीसी) के विशाल नेटवर्क की मदद लेने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक को अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) से जुड़े मामलों में बढ़ती शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है।
आरबीआई ने कहा कि वह निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने में मदद के लिए बैंकों के अधिकृत बैंक प्रतिनिधियों को अनुमति देने पर भी विचार कर रहा है। केवाईसी को अद्यतन करने पर शुक्रवार को जारी मसौदा परिपत्र में केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसने केवाईसी के समय-समय पर अद्यतन में बड़ी संख्या में लंबित मामलों को देखा है। इनमें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी), इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण (ईबीटी) के लिए खोले गए खाते भी शामिल हैं। यह भी देखा गया है कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए खातों में भी परेशानी आ रही है।
आरबीआई को ग्राहकों से केवाईसी के समय-समय पर अद्यतन करने में आने वाली चुनौतियों के बारे में भी शिकायतें मिल रही हैं। मसौदा परिपत्र में कहा गया कि ग्राहकों की सुविधा और प्रक्रिया को अधिक आसान बनाने के लिए केवाईसी के अद्यतन करने के बारे में निर्देशों में संशोधन किया जा रहा है। ताकि अन्य बातों के साथ ही बीसी को केवाईसी और केवाईसी अद्यतन की सुविधा दी जा सके। आम जनता छह जून तक प्रस्तावों पर अपने सुझाव दे सकते हैं।