Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Sep, 2018 01:44 PM
बैंक खातों में बढ़ती जालसाजी के चलते भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कैश जमा कराने के नियमों में बदलाव कर दिया है। इसका असर पूरे देश में बैंक के करोड़ों ग्राहकों पर पड़ेगा।
बिजनेस डेस्कः बैंक खातों में बढ़ती जालसाजी के चलते भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कैश जमा कराने के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। अब आपके खाते में कोई दूसरा व्यक्ति पैसे जमा नहीं करा सकता है। नियम इतना सख्त है कि आपकी पत्नी या पापा भ्ाी आपके खाते नकद जमा नहीं कर सकेंगे। इसका असर पूरे देश में बैंक के करोड़ों ग्राहकों पर पड़ेगा। नोटबंदी के दौरान इस सुविधा के दुरुउपयोग होने की शिकायतों के बाद SBI ने यह कदम उठाया है।
यह किया बदलाव
बैंक ने जो नया नियम बनाया है, उसके अनुसार कोई दूसरा व्यक्ति आपके खाते में पैसे जमा नहीं करा पाएगा। यह नियम केवल बैंक में जाकर के पैसा जमा करने पर होगा। हालांकि ऑनलाइन ट्रांसफर करने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई है।
लेना होगा अनुमति लेटर
अगर आप चाहते हैं कि आपके अकाउंट में कोई दूसरा नकद जमा करें तो इसके लिए आपको लिखित में ऐसी अनुमति देनी होगी। इसके लिए जमा पर्ची पर साइन करके देना होगा, जिस पर डिटेल भर कर दूसरा व्यक्ति आपके खाते में पैसा जमा कर सकेगा।
इसलिए बदला नियम
एसबीआई ने इस नियम को लागू किया है, उसके पीछे सबसे बड़ी वजह नोटबंदी है। ऐसा इसलिए क्योंकि नोटबंदी के दौरान कई बैंक खातों में बड़ी संख्या में 500 और 1000 रुपए के नोट जमा किए गए थे। जांच के बाद जब लोगों से इतने सारे नोटों के बारे में पूछा जा रहा है तो उनका कहना है कि किसी अनजान शख्स ने उनके बैंक खातों में पैसे जमा करा दिए हैं। लोगों ने बैंक अधिकारियों को जवाब दिया था कि उनका इस पैसे से कोई लेना देना नहीं है। ऐसी स्थिति में आयकर विभाग ने सरकारी बैंकों से कहा था कि वे ऐसे नियम बनाएं कि कोई दूसरा शख्स किसी के बैंक खाते में नकद रुपए नहीं जमा करा पाए।
अन्य बैंक भी लागू कर सकते हैं नियम
एसबीआई ने जिस नियम को लागू किया है, वो अन्य बैंक भी जल्द लागू कर सकते हैं। नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने सभी सरकारी बैंकों से यह नियम लागू करने का अनुरोध किया था। आयकर विभाग ने कहा था कि बैंक ऐसे नियम बनाएं कि कोई दूसरा शख्स किसी के बैंक खाते में नकद रुपये नहीं जमा करा पाए, ताकि कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते में जमा पैसे के बारे में अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बच न सके।