Indian Oil के लिए रूसी क्रूड ला रहे टैंकर को रोका, दस्तावेजों की कमी चलते हुआ एक्शन

Edited By Updated: 28 Mar, 2025 06:02 PM

tanker carrying russian crude for indian oil was stopped

भारतीय बंदरगाह अधिकारियों ने 27 मार्च 2025 (गुरुवार) को दस्तावेजों की कमी के कारण एक रूसी कच्चे तेल से भरे पुराने टैंकर को बंदरगाह में प्रवेश करने से रोक दिया। सूत्रों के अनुसार, ऐसा निर्णय दुर्लभ मामलों में लिया जाता है, जो इस बात का संकेत देता है...

बिजनेस डेस्कः भारतीय बंदरगाह अधिकारियों ने 27 मार्च 2025 (गुरुवार) को दस्तावेजों की कमी के कारण एक रूसी कच्चे तेल से भरे पुराने टैंकर को बंदरगाह में प्रवेश करने से रोक दिया। सूत्रों के अनुसार, ऐसा निर्णय दुर्लभ मामलों में लिया जाता है, जो इस बात का संकेत देता है कि अब रूसी तेल ले जाने वाले जहाजों की कड़ी जांच की जा रही है।

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को होनी थी डिलीवरी

भारत, रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है और समुद्री मार्ग के जरिए रूस से बड़े पैमाने पर तेल का आयात करता है। 2024 में भारत ने कुल आयात किए गए कच्चे तेल में से लगभग 35% रूस से मंगवाया था। भारत वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक और उपभोक्ता बना हुआ है।

शिपिंग डेटा के मुताबिक, तंजानिया के झंडे वाला अंडमान स्काईज में उत्तरी रूसी बंदरगाह मरमंस्क में रूसी तेल कंपनी लुकोइल के बेचे गए लगभग 100,000 मीट्रिक टन (या लगभग 800,000 बैरल) कच्चे तेल की लोडिंग हुई थी। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को डिलीवरी के लिए यह जहाज गुजरात के वाडिनार बंदगार की ओर बढ़ रहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस जहाज को वापस भेज दिया गया।

दस्तावेजों की कमी बनी वजह

इंडियन ऑयल कॉर्प (Indian Oil Corp) के लिए रूसी कच्चा तेल ले जा रहे अंडमान स्काईज़ (Andaman Skies) नामक टैंकर को दस्तावेजों की कमी के कारण भारत के एक प्रमुख बंदरगाह में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।

क्या है मामला?

भारत के बंदरगाह प्रवेश नियमों के अनुसार, 20 साल से अधिक पुराने जहाजों को इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ क्लासिफिकेशन सोसायटी के किसी सदस्य या भारतीय समुद्री प्रशासन द्वारा अधिकृत इकाई से समुद्री योग्यता प्रमाणन प्राप्त होना अनिवार्य है।

सूत्रों के अनुसार, 2004 में निर्मित होंडुरन ध्वजवाहक टैंकर "अंडमान स्काईज़" दिसंबर में भी भारत आया था और उस समय इसके पास डकार क्लास सर्टिफिकेशन था। हालांकि, यह इंडिया-बेस्ड सर्टिफिकेशन था, जिसे भारतीय शिपिंग अधिकारियों ने मान्यता नहीं दी।

अमेरिकी प्रतिबंधों का असर

जनवरी में अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते भारत और चीन जैसे बड़े खरीदारों की ओर से रूसी कच्चे तेल की मांग में गिरावट आई है। अमेरिका के इन प्रतिबंधों का मकसद रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करना है, जिससे तेल व्यापार पर सीधा असर पड़ा है।

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