Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Oct, 2025 12:26 PM

भारत की टॉप इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज (Dixon Technologies) के शेयरों में इन दिनों दबाव बढ़ गया है। ब्रोकरेज फर्म फिलिप कैपिटल (Phillip Capital) ने इस स्टॉक पर Sell रेटिंग देते हुए ₹9,085 का टारगेट प्राइस जारी किया यानी
बिजनेस डेस्कः भारत की टॉप इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज (Dixon Technologies) के शेयरों में इन दिनों दबाव बढ़ गया है। ब्रोकरेज फर्म फिलिप कैपिटल (Phillip Capital) ने इस स्टॉक पर Sell रेटिंग देते हुए ₹9,085 का टारगेट प्राइस जारी किया यानी मौजूदा स्तर से करीब 47% गिरावट की संभावना। जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया। इसके बाद मंगलवार, 14 अक्टूबर को शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई।
ब्रोकरेज क्यों नकारात्मक है?
फिलिप कैपिटल का कहना है कि डिक्सन के कारोबार में क्लाइंट कंन्सेंट्रेशन रिस्क है। कंपनी के मोबाइल फोन रेवेन्यू का अधिकतर हिस्सा Motorola से आता है। 2025 में Motorola का योगदान लगभग 80% था, जो 2026 की दूसरी तिमाही तक घटकर 60% रह गया। घरेलू बाजार में Apple और अन्य एंड्रॉयड ब्रांड्स से बढ़ते मुकाबले के कारण डिक्सन के ऑर्डर वॉल्यूम में कमी आई है।
डिक्सन के सामने चुनौतियां
- Motorola के ऑर्डर में कमी के कारण उत्पादन घटा है।
- कंपनी ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग का कुछ हिस्सा Karbon जैसी कंपनियों को देना शुरू किया।
- Longcheer और Xiaomi जैसी कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ने से डिक्सन की ग्रोथ प्रभावित हो रही है।
फिलिप कैपिटल के अनुसार, कंपनी FY26 की पहली तिमाही में 15% ग्रोथ गाइडेंस हासिल नहीं कर पाएगी। आने वाली तिमाहियों में प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) में दोहरे अंक की गिरावट आने की संभावना है।
विश्लेषकों की राय
डिक्सन पर नजर रखने वाले 36 विश्लेषकों में से 27 ने ‘खरीदें’ रेटिंग दी है, 6 ने ‘होल्ड’ और 3 ने ‘बेचें’ की सलाह दी है। मंगलवार को शेयर 4.05% गिरकर ₹16,499 पर बंद हुआ। इस साल अब तक शेयर में लगभग 8% की गिरावट देखी गई है।