Edited By Priyanka rana,Updated: 16 Sep, 2019 02:20 PM
नगर निगम ने शहर के गार्डनों और बड़े पार्कों को रखरखाव के लिए बड़ी कंपनियों और एजैंसियों को देगा।
चंडीगढ़(राजिंद्र) : नगर निगम ने शहर के गार्डनों और बड़े पार्कों को रखरखाव के लिए बड़ी कंपनियों और एजैंसियों को देगा। इसके लिए निगम ने सभी एजैंसियों से एक्सप्रैशन ऑफ इंट्ररेस्ट मांगा है और 24 सितम्बर तक पूरे प्लान के साथ इच्छुक एजैंसियां इसके लिए आवेदन कर सकती हैं।
एजैंसियों को अपने खर्च पर ही इन गार्डनों और बड़े पार्कों को मैंटेन करना होगा, क्योंकि निगम द्वारा सफल एजैंसियों को इस काम के एवज में गार्डनों में अपने विज्ञापन बोर्ड लगाने की अनुमति दी जाएगी। इससे पहले निगम ने नेबरहुड पार्क रख-रखाव के लिए रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन को दिए हुए हैं। इस संबंध में निगम के एक अधिकारी ने बताया कि सभी टर्म एंड कंडीशन्स वैबसाइट पर अपलोड कर दी गई हैं।
5 एकड़ से अधिक का क्षेत्र रखने वाले गार्डन के लिए समयसीमा 3 से 5 वर्ष होगी, जिसे 7 वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा। वहीं, 5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले गार्डनों के लिए समयसीमा 2 से 3 वर्ष होगी, जिसे 5 वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा। इनमें रोज गार्डन, शांतिकुज और टैरेस गार्डन से लेकर निगम के सभी गार्डन और बड़े पार्क शामिल होंगे।
बिना प्लान के आवेदन होगा रिजैक्ट :
जो भी एजैंसियां इन गार्डनों के लिए आवेदन करना चाहती है, उन्हें पूरे प्लान और लेआऊट के साथ डिजाइन सबमिट करना होगा। उन्हें बताना होगा कि उनके उक्त गार्डन को मेंटेन करने के लिए वार्षिक प्लान क्या है। बिना प्लान सबमिट करने वाले आवेदनों को निगम द्वारा रिजैक्ट कर दिया जाएगा।
निगम द्वारा आवेदन के अंतिम दिन ही तकनीकी बोली खोली जाएगी। इसके बाद ही सफल एजैंसियों के साथ एम.ओ.यू. साइन करने की आगे प्रक्रिया होगी। एम.ओ.यू. की टर्म एंड कंडीशन्स के संबंध में भी निगम से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
फिलहाल कर्मियों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी :
निगम के अंदर 100 के करीब बड़े पार्क और गार्डन हैं और अभी फिलहाल निगम खुद ही इन्हें मैंटेन कर रहा है। लेकिन इनको मैंटेन करने में मुख्य समस्या निगम के पास कर्मचारियों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी होना है। यही कारण है कि निगम का प्रयास है कि कंपनियों और एजैंसियों को इसका काम देकर बेहतर मैंटेन करवाया जा सके।