Edited By Sarita Thapa,Updated: 07 Nov, 2025 12:54 PM

आचार्य चाणक्य ने जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें बताई हैं, जो आज भी रिश्तों को समझने में मार्गदर्शन देती हैं। उन्होंने पति-पत्नी के संबंध को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संबंध माना है, जहां समझ, सम्मान और संतुलन से वैवाहिक जीवन खुशहाल बनता है।
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें बताई हैं, जो आज भी रिश्तों को समझने में मार्गदर्शन देती हैं। उन्होंने पति-पत्नी के संबंध को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संबंध माना है, जहां समझ, सम्मान और संतुलन से वैवाहिक जीवन खुशहाल बनता है। चाणक्य के अनुसार, विवाह सिर्फ दो लोगों का नहीं बल्कि दो विचारों का मिलन है। इसलिए जीवनसाथी चुनते समय उम्र का अंतर भी एक महत्वपूर्ण पहलू माना गया है।
चाणक्य क्या कहते हैं उम्र के अंतर को लेकर?
चाणक्य के अनुसार, अगर पत्नी पति से कुछ वर्ष छोटी हो तो संबंध में सहजता और संतुलन बना रहता है। इसका कारण यह है कि उम्र के साथ अनुभव, सोच और निर्णय लेने की क्षमता बदलती है। इसलिए पति का थोड़ा बड़ा होना घर और रिश्तों में परिपक्वता लाता है, जबकि पत्नी का छोटा होना घर में कोमलता और मधुरता का संचार करता है।

पत्नी पति के उम्र में अंतर कितना होना चाहिए?
पत्नी का पति से थोड़ा छोटा होना दांपत्य जीवन में मधुरता लाता है। चाणक्य के अनुसार, 5 से 10 साल का उम्र अंतर रिश्ते में सामंजस्य बढ़ाने में सहायक माना गया है क्योंकि आमतौर पर पुरुषों में परिपक्व मानसिकता और जिम्मेदारी की भावना थोड़ा देर से विकसित होती है, जबकि महिलाएं भावनात्मक रूप से अधिक संवेदनशील और समझदार होती हैं। जब उम्र में अंतर संतुलित होता है, तब दोनों की सोच और जीवन के निर्णय बेहतर तरीके से मेल खाते हैं।
