Gangajal Vastu Tips: घर की गंदी ऊर्जा और वास्तु दोष का खात्मा करता है गंगा जल

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Jun, 2025 07:27 AM

gangajal vastu tips

Gangajal Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में हर वस्तु केवल एक सामग्री नहीं होती, बल्कि वह ऊर्जा-धारा (Energy Flow) को प्रभावित करने वाला तत्त्व होती है। गंगाजल को दैवी जल-तत्त्व माना गया है क्योंकि यह सिर्फ जल नहीं बल्कि ब्रह्मांडीय कंपन (cosmic...

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Gangajal Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में हर वस्तु केवल एक सामग्री नहीं होती, बल्कि वह ऊर्जा-धारा (Energy Flow) को प्रभावित करने वाला तत्त्व होती है। गंगाजल को दैवी जल-तत्त्व माना गया है क्योंकि यह सिर्फ जल नहीं बल्कि ब्रह्मांडीय कंपन (cosmic vibration) को संचित और प्रसारित करता है। वास्तु की दृष्टि से देखें तो गंगा जल सिर्फ पानी नहीं, चेतना है। एक ऊर्जा शुद्धि का रहस्य है।

Gangajal Vastu Tips
Know the benefits of keeping Gangajal at home on both energy and psychological levels ऊर्जा और मनोविज्ञान दोनों स्तरों पर जानिए गंगा जल घर में रखने के क्या लाभ हैं
Vibrational Purification ऊर्जा शुद्धि

वास्तु सिद्धांत का मानता है कि घर के हर कोने में ऊर्जा का एक स्थायी प्रभाव होता है। समय के साथ वहां नकारात्मक ऊर्जा जमा हो सकती है। गंगाजल एक नैसर्गिक ऊर्जा शुद्धिक (natural energy purifier) की तरह कार्य करती है। गंगाजल में मौजूद सूक्ष्म कंपन (subtle vibrations) उस स्थान की थमी हुई या गंदी ऊर्जा को नष्ट करती है।

Mental balance and emotional stability मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता
जहां गंगाजल रखा जाता है, वहां मन में सहज शांति और सत्वगुण (purity) की भावना आती है। यह विशेष रूप से उन घरों में प्रभावी होता है जहां तनाव, कलह या मानसिक बेचैनी बार-बार होती है। पूजा स्थान, अध्ययन कक्ष या बेडरूम के उत्तर-पूर्व कोण में गंगाजल रखना विशेष फलदायक होता है।

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Activation of Energy Core ब्रह्मस्थान की जागृति
वास्तु में ब्रह्मस्थान यानी घर का मध्य भाग, ऊर्जा का मुख्य केंद्र होता है। गंगाजल को सप्ताह में एक बार ब्रह्मस्थान पर छिड़कने से घर की ऊर्जा-पंक्तियां (energy grids) संतुलित हो जाती हैं। परिवार में आपसी समझ, आर्थिक प्रवाह और मनोबल में सुधार होता है।

The subtle power of healing रोग-निवारण की सूक्ष्म शक्ति
हालांकि गंगाजल कोई औषधि नहीं है परंतु इसमें प्राणिक चार्ज होती है। जो रोगों के मूल कारण यानी ऊर्जा असंतुलन को ठीक करने में मदद करता है। वास्तु के अनुसार, रोग का एक कारण दक्षिण दिशा में भारीपन या ऊर्जात्मक रुकावट भी हो सकता है। गंगाजल को सप्ताह में एक बार दक्षिण दिशा में छिड़कने से रोगों की ऊर्जा जड़ कमजोर होती है।

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Neutralizing the Effects of Vastu Dosh वास्तु दोष के प्रभावों को शांत करना
हर घर पूरी तरह वास्तु-अनुकूल नहीं होता। कहीं शौचालय गलत दिशा में होता है, कहीं रसोई या सीढ़ियां। ऐसे में गंगाजल को साप्ताहिक छिड़काव और धूप के साथ प्रयोग द्वारा दोषों के प्रभाव को मंद किया जा सकता है। मंगलवार या शनिवार को पूरे घर में गंगाजल छिड़कें (सूर्यास्त से पहले)।

How to keep Gangajal and where to keep it गंगाजल कैसे रखें और कहां रखें
तांबे या चांदी के धातु पात्र में गंगा जल रखें।
उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) को प्राथमिक दिशा मानें।
गंगाजल को नियमित मंत्र जाप के साथ स्पंदित रखें।
मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
कभी-कभी उसमें तुलसी पत्ता डालें यह ऊर्जा को स्थिर और संरक्षित करता है।

Gangajal Vastu Tips
Vastu secrets revealed through fundamental insights मौलिक अंतर्दृष्टि से गूढ़ वास्तु-रहस्य
गंगाजल जब घर में होता है, तब वह वहां केवल जल रूप में नहीं रहता, वह एक चेतना बन जाता है, जो हर कोने में संवाद करता है। जिस प्रकार वाणी में शब्द और अर्थ जुड़ते हैं वैसे ही गंगाजल में जल और ब्रह्मा चेतना जुड़ी होती है।

These are the benefits of keeping Gangajal at home घर में गंगाजल को रखने से मिलते हैं ये लाभ
नकारात्मक ऊर्जा की शुद्धि होती है।
मानसिक और भावनात्मक रुप से ऊर्जा मिलती है।
घर की ऊर्जा रेखाओं का संतुलन बना रहता है।
रोग-ऊर्जा की शांति बनी रहती है।
अज्ञात वास्तु दोषों का परोक्ष समाधान मिलता है।

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