Govatsa Dwadashi: पंच पर्व दीपावली का आरंभ है गोवत्स द्वादशी, जानें शुभ मुहूर्त

Edited By Updated: 13 Oct, 2025 07:02 AM

govatsa dwadashi

Govatsa Dwadashi Shubh Muhurat 2025: गोवत्स द्वादशी 2025 पर गौ माता और बछड़े की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह व्रत हर आयु वर्ग के लोगों के लिए आस्था और पुण्य का दिन है। गोवत्स द्वादशी या बछ बारस हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Govatsa Dwadashi Shubh Muhurat 2025: गोवत्स द्वादशी 2025 पर गौ माता और बछड़े की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह व्रत हर आयु वर्ग के लोगों के लिए आस्था और पुण्य का दिन है। गोवत्स द्वादशी या बछ बारस हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र पर्व है। यह पर्व गौ माता और उनके बछड़े (वत्स) के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इसे वासु बारस और गुजरात में वाघ बरस कहा जाता है।

PunjabKesari Govatsa Dwadashi
यह त्योहार दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है और आमतौर पर धनतेरस से एक दिन पहले मनाया जाता है। इसे अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे नंदिनी व्रत, वत्स द्वादशी और बछ बारस। महिलाएं इस दिन यह व्रत संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और परिवार के कल्याण के लिए करती हैं। इस दिन गाय के दूध और उससे बने उत्पादों का सेवन वर्जित होता है।

When is Govatsa Dwadashi 2025? गोवत्स द्वादशी 2025 कब है?
पंचांग अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को यह व्रत होता है।
इस वर्ष, गोवत्स द्वादशी शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को है।

PunjabKesari Govatsa Dwadashi
Govatsa Dwadashi date details गोवत्स द्वादशी तिथि विवरण:
प्रारम्भ:
17 अक्टूबर 2025, सुबह 11:12 बजे
समाप्ति: 18 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:18 बजे

Govatsa Dwadashi Puja Muhurta गोवत्स द्वादशी पूजा मुहूर्त
पूजा का श्रेष्ठ समय प्रदोष काल में है:
प्रारंभ: 17 अक्टूबर, शाम 05:49 बजे
समाप्ति: 17 अक्टूबर, रात 08:20 बजे
अवधि: 2 घंटे 31 मिनट

पूजा के दौरान गौ माता और उनके बछड़े को हल्दी, दूर्वा और जल अर्पित करें। घर की स्वच्छता और पूजा स्थल का उत्तर-पूर्व दिशा में होना शुभ माना गया है।

PunjabKesari Govatsa Dwadashi
Govatsa Dwadashi Puja vidhi and Significance गोवत्स द्वादशी पूजा विधि और महत्व
इस दिन महिलाएं गाय और बछड़े की सेवा और पूजा करती हैं। कथा अनुसार, जो परिवार इस व्रत का पालन करता है, उसमें संतान सुख, धन-समृद्धि और पारिवारिक कल्याण की वृद्धि होती है।

गोवत्स द्वादशी हमें गौ माता की पूजा और संरक्षण का महत्व सिखाती है। यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक दायित्व का प्रतीक भी है।

PunjabKesari Govatsa Dwadashi

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!