Guru Purnima: पौराणिक ग्रंथों से जानें कैसे हुआ गुरु पूर्णिमा का आरंभ

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Jul, 2024 06:26 AM

guru purnima

कबीर जी का दोहा है-  "गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।'

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

कबीर जी का दोहा है- "गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।'

इसी दोहे से जीवन में गुरु के महत्व का पता चल जाता है। हमारी संस्कृति में और पौराणिक ग्रंथों में भी गुरु को देवता से बढ़कर दर्जा दिया गया है। यह गुरु ही हैं जो हमें जीवन में प्रकाश की ओर ले जाते हैं और भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। यह गुरु ही हैं जो हमें विपरीत परिस्थितियों से भी बाहर ले आते हैं और हमारा मार्गदर्शन करते हैं। पुराणों में भी कहा गया है कि गुरु ब्रह्मा के समान हैं और अपने शिष्य का मार्गदर्शन करते हुए उसे सही राह दिखाते हैं।

PunjabKesari Guru Purnima

अगर पौराणिक संदर्भों की बात करें तो गुरु पूर्णिमा के साथ महर्षि वेदव्यास का प्रसंग भी जुड़ा है। अनेक धार्मिक ग्रंथों की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास को मानव जाति का भी गुरु माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि आज से लगभग 3000 ईसवी पूर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही महर्षि वेदव्यास ने जन्म लिया था और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं द्वारा आषाढ़ शुक्ल की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। ये महर्षि वेदव्यास ही थे जिन्होंने चारों वेदों की व्याख्या की थी। हिंदू धर्म में जिन 18 पुराणों का जिक्र है, उनके रचयिता भी महर्षि वेदव्यास ही हैं।

PunjabKesari Guru Purnima

गुरु पूर्णिमा पूरे देश में बड़े सदाबहार तरीके से मनाई जाती है और कई शिष्य अपने दिवंगत गुरुओं को भी इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करके नमन करते हैं। बहुत से शिष्य अपने ब्रह्मलीन हो चुके गुरुओं की चरण पादुकाओं के आगे भी इस दिन शीश नवाते हैं। इस दिन गुरुओं की पूजा करके उनके चरणों में पुष्प अर्पित किए जाते हैं। कई घरों में तो बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया जाता है क्योंकि बुजुर्गों से हम अपने जीवन में बहुत कुछ सीखते हैं।

PunjabKesari Guru Purnima

विद्यार्थियों को खास तौर पर इस दिन अपने गुरु की सेवा और भक्ति कर उनसे जीवन में सफल होने का आशीर्वाद जरूर हासिल करना चाहिए। साथ ही विद्या की देवी मां शारदे की भी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। गुरु पूर्णिमा का दिन वैसे भी हमारे शास्त्रों में ज्ञान, भक्ति, साधना और योग शक्ति को प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

 

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!