Edited By Lata,Updated: 21 Feb, 2020 04:19 PM
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु ने 05 फरवरी को स्वराशि धनु में गोचर किया है,
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु ने 05 फरवरी को स्वराशि धनु में गोचर किया है, जोकि 29 मार्च तक इसी राशि में रहेगा। गुरु के इस राशि परिवर्तन का असर 12 राशियों पर अलग ही देखे को मिलता है। इसके साथ ही शनि देव और केतु भी गुरु देव के स्वागत के लिए पहले से ही धनु राशि में मौजूद हैं। ऐसे में कुछ उपाय करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
उपाय
उस स्थान को स्वच्छ रखें, जहां आप साधना या गुरु पूजन करते हैं। इसकेसाथ ही आप वहां तस्वीर भी रख सकते हैं।
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अपने मुख्य द्वार पर दोनों तरफ कच्चे दूध में जल और हल्दी मिलाकर डालें।
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अगर जीवन में माता-पिता को प्रणाम करना कभी न भूलें।
पुराने शिक्षकों से मिलने जाएं। उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। गुरुद्वारा जाएं और आराधना करें। वहां तो गुरुग्रंथ साहिब ही गुरु के रूप में हैं, जो साक्षात ज्ञान और मार्गदर्शक हैं।
यदि ध्वजा चढ़ाना मुश्किल हो तो अपने नौकर के नाम से किसी मंदिर में दान की रसीद कटाएं।
दरअसल, सभी ग्रह शरीर के किसी अंग, रिश्ते या बाहरी गतिविधि से संबंध रखते हैं। गुरु देव लिवर, पति, शिक्षक, मार्गदर्शक के रूप में हमारे जीवन में प्रतिनिधित्व करते हैं। इन उपायों से पति-पत्नी के रिश्तों में सुधार होगा। अविवाहित कन्याओं का विवाह होगा।