Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Feb, 2023 06:30 AM
सूफी संत शेख फरीद के एक शिष्य ने आकर जिज्ञासा प्रकट की कि परमात्मा को कैसे खोजें।
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Inspirational Story: सूफी संत शेख फरीद के एक शिष्य ने आकर जिज्ञासा प्रकट की कि परमात्मा को कैसे खोजें।
फरीद ने उससे कहा, ‘‘मैं नहाने जा रहा हूं, तुम भी साथ चलो।’’
फरीद नदी में उतरे तो उनके साथ-साथ वह भी नदी में उतरा। उसके मन में यह बात उठ रही थी कि परमात्मा का और नहाने का ताल्लुक क्या है ?
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जैसे ही शिष्य ने पानी में डुबकी लगाई, फरीद ने उसकी गर्दन पकड़ ली और थोड़ी देर पानी में ही डुबोए रखी। शिष्य ने खूब जोर लगाया, लेकिन वह फरीद की पकड़ से नहीं छूट पाया। जब उसकी सांस घुटने लगी, तब उसने इतनी जोर का झटका दिया कि वह मुक्त हो गया।
गुस्से से वह बोला, ‘‘मैं तो आया था भगवान को खोजने, मगर आप तो मुझे मार ही डालते।’’
फरीद ने शांत भाव से कहा, ‘‘जब मैंने तुम्हें पानी के नीचे डुबोए रखा था, तब कितनी इच्छाएं तुम्हारे मन में आई थीं ?
शिष्य बोला, ‘‘मेरी तो एक ही इच्छा थी कि आपकी पकड़ से छूटूं और सांस ले सकूं। ’’
फरीद ने कहा, बस यही मेरा जवाब है। जिस क्षण ईश्वर को इतनी ही ताकत से चाहने लगोगे, उसी क्षण ईश्वर मिल जाएगा।