Edited By Prachi Sharma,Updated: 15 Nov, 2023 08:03 AM
एक बार भगवान बुद्ध के एक शिष्य ने उनसे पूछा, “भगवान क्या इस चट्टान से बेहतर कोई है ?”
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Mahatma Gautam Buddha story: एक बार भगवान बुद्ध के एक शिष्य ने उनसे पूछा, “भगवान क्या इस चट्टान से बेहतर कोई है ?”
बुद्ध ने कहा, “पत्थर से कई गुणा शक्ति लोहे में होती है इसलिए लोहा पत्थर को तोड़कर टुकड़े-टुकड़े कर देता है।”
फिर शिष्य ने पूछा, “लोहे से भी कोई चीज बेहतर होगी?”
बुद्ध ने पुन: कहा, “क्यों नहीं, अग्नि है जो लोहे को गलाकर द्रव्य रूप में बना देती है।”
इस पर शिष्य ने कहा, “क्या अग्नि की विकराल लपटों के सामने किसी की क्या चल सकती होगी ?
बुद्ध ने कहा, “केवल जल है जो अग्नि को शीतल कर देता है।
फिर शिष्य ने पूछा, “जल से टकराने की फिर किसमें ताकत होगी ?”
फिर बुद्ध ने समझाया, “ऐसा क्यों सोचते हो वत्स, इस संसार में एक से एक शक्तिशाली हैं। वायु का प्रवाह जल धारा की दिशा बदल देता है। संसार का प्रत्येक प्राणी वायु के महत्व को जानता है क्योंकि इसके बिना जीवन का महत्व ही क्या है ?”
“जब वायु ही जीवन है फिर इससे अधिक महत्वपूर्ण वस्तु के होने का प्रश्न ही नहीं उठता, शिष्य ने कहा।”
अब भगवान बुद्ध को हंसी आ गई।
उन्होंने कहा, “मनुष्य की संकल्प शक्ति द्वारा वायु भी वश में हो जाती है, मानव की यह शक्ति ही सबसे बड़ी है।” यह प्रसंग बताता है कि इस दुनिया में दृढ़ संकल्प से बढ़कर कुछ नहीं है।