Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jun, 2022 08:32 AM
8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2022 को सफल बनाने के उद्देश्य से आज योगऋषि स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने हरिद्वार स्थित पतंजलि वैलनैस सैंटर, पतंजलि योगपीठ में योग प्रोटोकोल का पूर्वाभ्यास (रिहर्सल) कराया।
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हरिद्वार (स.ह.): 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2022 को सफल बनाने के उद्देश्य से आज योगऋषि स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने हरिद्वार स्थित पतंजलि वैलनैस सैंटर, पतंजलि योगपीठ में योग प्रोटोकोल का पूर्वाभ्यास (रिहर्सल) कराया।
इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि योग का पर्याय है, पूरा देश और विश्व योगमय बने, यही हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में आजादी के अमृत महोत्सव तथा 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को यानी आज 75 आइकोनिक स्थानों पर, 500 जिलों की 5000 तहसीलों में और लाखों गावों में करीब 25 करोड़ लोग एक साथ, एकरूपता से योग कर एकजुटता का संदेश देंगे। उन्होंने कहा कि योग कोई पूजा-पाठ नहीं, हमारे पूर्वजों की विद्या है और इससे शारीरिक, मानसिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक जो भी मांगें हैं, भूख है, अभिप्सा है वो पूरी होती हैं, जिससे हम बी.पी., शूगर, अस्थमा आदि दुसाध्य रोगों को नियंत्रित व क्योर कर सकते हैं। इतना ही नहीं सब व्याधियों से मुक्त होकर, व्याधियों की समाप्ति कर समाधि की प्राप्ति कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब 177 देशों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का समर्थन किया तो उसमें कम्युनिस्ट देश भी थे, इस्लामिक देश भी थे, क्रिश्चयन देश भी थे, सब राष्ट्र अध्यक्षों ने माना कि योग कोई मजहबी विद्या नहीं। आरोग्य की आत्मनिर्भरता का सूत्र है योग।
कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि योगपीठ पूरी दुनिया के लिए योग का आदर्श व तीर्थ स्थल है। इस तीर्थ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आपको परम वन्दनीय पूज्य स्वामी महाराज के सान्निध्य में योग करने का अवसर मिल रहा है, यह इतिहास आपको सदैव स्मरणीय रहेगा। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि योग भारत की विद्या है।