Edited By Lata,Updated: 19 Nov, 2019 10:32 AM
आज अगहन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है और इस दिन काल भैरव जयंती मनाई जाती है।
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आज अगहन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है और इस दिन काल भैरव जयंती मनाई जाती है। बता दें कि काल भैरव भगवान शिव का ही अंश है। शास्त्रों में काल भैरव भगवान शिव के रुद्र अवतार माने जाते हैं। इस दिन भैरव बाबा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। कहते हैं कि इस दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाने से सारे कष्ट दूर होते हैं। भैरव की पूजा करने से व्यक्ति को कभी कोई बुरी आत्मा, बुरी नजर या कोई भी तांत्रिक क्रिया बाल भी बांका नहीं कर सकती है।
करें इन चीजों से श्रृंगार
काल भैरव अष्टमी के दिन भैरव देवता का पूरा श्रृंगार करें। श्रृंगार में सिंदूर, सुगंधित तेल, लाल चंदन, चावल, गुलाब के फूल जनेऊ और नारियल शामिल करें।
भैरव देवता का श्रृंगार कर विधि-विधान से पूजा करें और तिल-गुड़ का भोग लगाएं। वैसे भैरव को गुड़ और चने का भोग भी लगाया जाता है।
भैरव देवता को सुगंधित धूपबत्ती और सरसों के तेल का दीपक जलाएं और भैरव मंत्र का जप करें-
धर्मध्वजं शङ्कररूपमेकं शरण्यमित्थं भुवनेषु सिद्धम्।
द्विजेन्द्र पूज्यं विमलं त्रिनेत्रं श्री भैरवं तं शरणं प्रपद्ये।।
इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें, इसके बाद भैरव भगवान के सामने धूप, दीप और कपूर जलाएं, आरती करें, प्रसाद ग्रहण करें।
उपाय
काल भैरव जयंती के दिन सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा 11 रुपए, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा मीटर काले कपड़े में एक पोटली बनाकर भैरव नाथ के मंदिर में चढ़ाएं।
भैरव बाबा को मदिरा का भोग लगाया जाता हैं, क्योंकि उन्हें मदिरा प्रिय है। इसलिए उनके निमित्त किसी कोढ़ी, भिखारी को मदिरा दान करें।
काल भैरव अष्टमी के दिन सवा किलो जलेबी भैरव बाबा को चढ़ाएं। जलेबी का एक भाग कुत्तों को भी खिलाएं। इससे आपको आर्थिक लाभ होगा।