Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 May, 2025 03:00 PM
Lakshmi Ji Ko Kaise Manaye: मां लक्ष्मी धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं। धन की देवी महालक्ष्मी की पूजा वैसे तो प्रतिदिन करनी चाहिए। संभव न हो तो शुक्रवार के दिन अवश्य करें। जिस पर यह मेहरबान हो जाती हैं, उसके जीवन से धन संबंधित सभी परेशानियां दूर...
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Lakshmi Ji Ko Kaise Manaye: मां लक्ष्मी धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं। धन की देवी महालक्ष्मी की पूजा वैसे तो प्रतिदिन करनी चाहिए। संभव न हो तो शुक्रवार के दिन अवश्य करें। जिस पर यह मेहरबान हो जाती हैं, उसके जीवन से धन संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। कुछ सरल उपाय करने से आर्थिक तंगी जीवन से कोसो दूर रहती है और घर में पैसों का आगमन होना शुरू हो जाता है। लक्ष्मी दो शब्दों के जोड़ से बना है 'लक्ष्य' और 'मी' जिसका अर्थ है, लक्ष्य तक ले जाने वाली लक्ष्मी। इनके आशीर्वाद के बिना कोई भी अपने लक्ष्य को नहीं पा सकता।
शुक्रवार की सुबह लक्ष्मी मंदिर में जाकर सफेद कमल के फूल और सफेद मिठाई अर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है।
शुक्रवार की शाम के समय पीपल के पास पंचमुखी दीपक प्रज्वलित करके हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी से धन प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। प्रार्थना शीघ्र पूर्ण होगी।
शुक्रवार के दिन सुबह देवी लक्ष्मी के चरणों में श्रीयंत्र रखकर उसका पूजन करें। इससे धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
शुक्रवार शाम के समय घर की उत्तर-पूर्व दिशा में गाय के शुद्ध घी में केसर डालकर दीपक प्रज्वलित करें। ऐसा करने से रुका हुआ धन आने के योग बनते हैं।
शुक्रवार की शाम को देवी लक्ष्मी का चित्रपट या प्रतिमा का पूजन करें। पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी के चरणों में 7 कौड़ियां रख दें। पूजा करने के उपरांत उन कौड़ियों को वहीं रहने दें। आधी रात 12 बजे के बाद इन कौड़ियों को घर में गाड़ देने से घन संबंधी प्रत्येक परेशानियों का शीघ्र हल हो जाएगा।
शीघ्र धन प्राप्ति के लिए दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिला दूध भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।
लक्ष्मी जी की पूजा करते समय चांदी के सिक्के भी पूजा की थाली में रखें। पूजा होने के पश्चात इन सिक्कों को तिजोरी में रख दें। इससे तिजोरी सदैव भरी रहेगी और धन की आवक में बढ़ोतरी होगी।
अधिक मेहनत करने के बाद भी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो पीपल के 5 पत्तों को पीले चंदन से रंगकर बहते जल या तीर्थ स्थल में प्रवाहित करने से लाभ होगा।