Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Feb, 2024 07:26 AM
शिवरात्रि का अर्थ है शिव की रात्रि। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह में एक बार मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। भगवान भोलेनाथ को ये दिन बेहद
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Magh Shivratri: शिवरात्रि का अर्थ है शिव की रात्रि। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह में एक बार मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। भगवान भोलेनाथ को ये दिन बेहद ही प्रिय ही है क्योंकि इस दिन मां पार्वती का विवाह भोलेनाथ के साथ हुआ था। इसके अलावा इस दिन से जुड़ी एक और मान्यता यह है कि इसी दिन भोलेनाथ पहली बार शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। सुख-समृद्धि हो या फिर जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए ये व्रत बेहद ही खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। भोलेनाथ अपने नाम की तरह बहुत भोले हैं वो अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बरसाते हैं। उनके द्वार पर गया हुआ व्यक्ति कभी भी दुखी नहीं रह सकता है। देवों के देव महादेव की कृपा बहुत अपरम्पार है। इनकी पूजा करने से बड़े से बड़े कष्ट रातों-रात दूर हो जाते हैं। बता दें कि माघ महीने का आरम्भ हो चुका है और जल्द ही मासिक शिवरात्रि का व्रत आने वाला है। भोलेनाथ के भक्ति हर माह इस दिन के इन्तजार में रहते हैं तो चलिए जानते हैं किस दिन रखा जाएगा ये व्रत।
Magh Shivratri date माघ शिवरात्रि तिथि
पंचांग के मुताबिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 फरवरी, गुरुवार, प्रातः 11:17 मिनट पर होगा और इसका समापन 9 फरवरी,शुक्रवार, प्रातः 08:02 मिनट पर होगा। माघ शिवरात्रि के लिए निशिता मुहूर्त 8 फरवरी को प्राप्त हो रहा है। इसके अनुसार मासिक शिवरात्रि 8 फरवरी गुरुवार को मनाई जाएगी।
Auspicious time of puja पूजा का शुभ मुहूर्त
निशिता मुहूर्त: देर रात 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक है।
Siddhi Yoga सिद्धि योग
इस बार की मासिक शिवरात्रि इस वजह से खास है क्योंकि इस दिन सुबह से ही सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। जो पूरा दिन चलकर रात 11 बजकर 10 मिनट पर समापत होगा।
माघ शिवरात्रि के दिन का ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 05 बजकर 21 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक है।
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 से दोपहर 12:57 तक है।
Monthly shivratri puja method मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
सबसे पहले इस दिन सुबह उठकर भगवान का ध्यान करें। उसके बाद निशिता काल मुहूर्त में जल में दुर्वा मिलकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
इसके बाद पंचाक्षरी मंत्र का 11 या 12 बार जाप करें। कहते हैं इस मंत्र का जाप करने से कुंडली में राहु और केतु की बुरी दशा से राहत मिलती है।
व्रत का अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि न बुरा बोलें, सुनें और देखें।
Chant these mantras इन मंत्रों का करें जाप
ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे"न" काराय नमः शिवायः
ॐ इं क्षं मं औं अं
ॐ पार्वतीपतये नमः
शिवरात्रि के दिन इन मंत्रों का जाप करने से भोलेबाबा सारी परेशानियों को दूर कर के आपकी झोली खुशियों से भर देते हैं।