Edited By Prachi Sharma,Updated: 08 May, 2025 12:14 PM

हिंदू पंचांग के अनुसार मोहिनी एकादशी जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है
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Mohini Ekadashi Paran Muhurat 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार मोहिनी एकादशी जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोहिनी एकादशी का उल्लेख पुराणों में आता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवताओं की रक्षा की थी और असुरों को अमृत से वंचित किया था। यही कारण है कि इस एकादशी का नाम मोहिनी पड़ा। इस दिन व्रत रखने से मोह-माया से मुक्ति मिलती है और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है। 2025 में मोहिनी एकादशी आज है जबकि पारण अर्थात व्रत तोड़ने का समय 9 मई को होगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस व्रत के महत्व, पूजा विधि, तिथि और पारण मुहूर्त के बारे में।
When will Mohini Ekadashi be observed मोहिनी एकादशी का पारण कब किया जाएगा ?
मोहिनी एकादशी का पारण 9 मई को किया जाएगा। इसी के साथ हिन्दू पंचांग के अनुसार द्वादशी तिथि का समापन दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक होगा।
शुभ समय- सुबह 6 बजकर 6 मिनट से सुबह 8 बजकर 42 मिनट तक।
Paran vidhi पारण विधि
पारण से पहले भगवान विष्णु का स्मरण करें और एक छोटा सा पूजन करें।
स्वच्छ जल से हाथ-मुंह धोकर संकल्प के साथ व्रत तोड़ें।
पारण के समय केवल सात्विक और हल्का भोजन करें, जैसे फलाहार या खिचड़ी।
पारण के बाद ब्राह्मण या जरूरतमंद को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा देना पुण्यकारी माना जाता है।

Religious significance of Mohini Ekadashi मोहिनी एकादशी का धार्मिक महत्व
यह व्रत करने से व्यक्ति को अपने पूर्वजन्म और इस जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है।
ऐसा विश्वास है कि मोहिनी एकादशी का व्रत करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यह व्रत मानसिक शांति और जीवन में संतुलन लाने में सहायक होता है।
भगवान विष्णु की कृपा से घर में सुख-शांति और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
