Edited By Sarita Thapa,Updated: 14 Nov, 2025 07:08 AM

मोक्षदा एकादशी एक विशेष व्रत है जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यह व्रत मोक्ष और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है।
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Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी एक विशेष व्रत है जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यह व्रत मोक्ष और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है। माना जाता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से और व्रत रखने से जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है और मन की हर मनोकामना पूरी होती है। इस साल मोक्षदा एकादशी 1 नवंबर को रखा जाएगा। तो आइए जानते हैं कि मोक्षदा एकदाशी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Mokshada Ekadashi 2025 Shubh muhurat मोक्षदा एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 नवंबर 2025 को रात 9 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी और 1 दिसंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा।

Significance of Mokshada Ekadashi 2025 मोक्षदा एकादशी का खास महत्व
मोक्षदा एकादशी सिर्फ एक व्रत नहीं है, बल्कि यह दो महत्वपूर्ण धार्मिक घटनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। यह एकादशी सीधे तौर पर मोक्ष यानी जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति से संबंधित है। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को विधि-विधान से करने पर व्यक्ति को वाजपेय यज्ञ जितना पुण्य मिलता है।
यह एकादशी का दिन गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को श्रीमद् भगवद् गीता का ज्ञान दिया था। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु (श्री कृष्ण) और श्रीमद् भगवद् गीता की पूजा करना विशेष फलदायी होता है।
