Edited By Sarita Thapa,Updated: 02 Jun, 2025 08:29 AM

Motivational Story: एक गुरु जी गंगा किनारे स्थित एक गांव में अपने शिष्यों के साथ विश्राम कर रहे थे। तभी एक राहगीर उनके पास आया और उनसे पूछा, “महाराज, इस गांव में कैसे लोग रहते हैं।
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Motivational Story: एक गुरु जी गंगा किनारे स्थित एक गांव में अपने शिष्यों के साथ विश्राम कर रहे थे। तभी एक राहगीर उनके पास आया और उनसे पूछा, “महाराज, इस गांव में कैसे लोग रहते हैं। दरअसल मैं अपने मौजूदा निवास स्थान से कहीं और जाना चाहता हूं।”
गुरु जी बोले, “जहां तुम अभी रहते हो, वहां किस प्रकार के लोग रहते हैं?” राहगीर बोला, “मत पूछिए महाराज, वहां तो एक से एक कपटी दुष्ट और बुरे लोग बसे हुए हैं।”
गुरु जी बोले, “इस गांव में भी बिल्कुल उसी तरह के लोग रहते हैं, कपटी, दुष्ट और बुरे।”
यह सुनकर राहगीर आगे बढ़ गया। कुछ समय बाद एक दूसरा राहगीर वहां से गुजरा। उसने भी गुरु जी से वही प्रश्न पूछा, “मुझे किसी नई जगह में रहना है, क्या आप बता सकते हैं कि इस गांव में कैसे लोग रहते हैं।”
गुरु जी ने इस राहगीर से भी वही प्रश्न पूछा कि जहां तुम अभी निवास करते हो वहां किस प्रकार को लोग रहते हैं? तो राहगीर बोला जी, वहां तो बड़े सभ्य, सुलझे और अच्छे लोग रहते हैं। तुम्हें बिल्कुल उसी प्रकार के लोग यहां भी मिलेंगे, सभ्य, सुलझे और अच्छे। गुरु जी ने अपनी बात पूर्ण की और दैनिक कार्यों में लग गए। उनके शिष्य यह सब देख रहे थे।

राहगीर के जाते ही उन्होंने पूछा, “क्षमा कीजिएगा गुरुजी, आपने दोनों राहीगरों को एक ही स्थान के बारे में अलग-अलग बातें क्यों बताईं।”
गुरु जी गम्भीरता से बोले, “आमतौर पर हम चीजों को वैसे नहीं देखते हैं, जैसी वे हैं, बल्कि उन्हें हम ऐसे देखते हैं जैसे कि हम खुद हैं। हर जगह हर प्रकार के लोग होते हैं, यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस तरह के लोगों को देखना चाहते हैं।”
