Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 May, 2024 06:36 AM
ऐसा माना जाता है कि नारद मुनि पिछले जन्म में गंधर्व के रूप पैदा हुए थे। उनकी मां भगवान विष्णु की भक्त थीं। वे साधु-संतों
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Narad Jayanti 2024: ऐसा माना जाता है कि नारद मुनि पिछले जन्म में गंधर्व के रूप पैदा हुए थे। उनकी मां भगवान विष्णु की भक्त थीं। वे साधु-संतों के घरों पर काम किया करती थीं। संतों ने अपनी सेवाओं और भक्ति के कारण नारद को उनके पिछले जीवन में आशीर्वाद दिया। समय के साथ, वह भी भगवान विष्णु के भक्त बन गए।
अपनी मां के निधन से व्यथित होकर वे जंगल में ध्यान करने चले गए। उनकी तपस्या और भक्ति से भगवान विष्णु प्रसन्न हुए। वह नारद के सामने प्रकट हुए और उन्हें अपने वास्तविक आध्यात्मिक रूप के बारे में बताया। पिछले जीवन में अपनी मृत्यु के बाद नारद, देवर्षि के वास्तविक दिव्य रूप में परिवर्तित हो गए। यही वजह है कि हिंदू लोग नारद जयंती मनाते हैं, क्योंकि वह उसी दिन अपने दिव्य रूप में परिवर्तित हुए थे।
कौन हैं नारद मुनि ?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, नारद मुनि भगवान ब्रह्मा के मानसपुत्र हैं, जो तीन त्रिदेवों (ब्रह्मा निर्माता, विष्णु पोषणकर्ता, महेश संहारक हैं) में से एक हैं। कई हिंदू नारद मुनि को महर्षि कश्यप के पुत्र के रूप में भी मानते हैं। साथ ही, कई लोग यह
भी मानते हैं संत त्यागराज और पुरंदरदास उनके अवतार थे। नारद मुनि भगवान नारायण या भगवान विष्णु के एक महान अनुयायी और भक्त हैं। देवर्षि ने किसी से विवाह नहीं किया, वह ब्रह्मचारी रहे।
विष्णु पुराण और अन्य पुराणों में यह उल्लेख है कि नारद मुनि तीन लोकों, स्वर्ग लोक, पाताल लोक और मृत्यु लोक (पृथ्वी) में घूम रहे हैं। हर जगह यात्रा करते हुए वे भगवान विष्णु का नाम जपते हैं और नारायण-नारायण कहते हैं। उनके पास एक महत्वपूर्ण काम है, वे जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने के लिए सलाह देते हैं। यही वजह है कि हिंदू संस्कृति में नारद जयंती 2023 एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन लोग नारद मुनि के मार्गदर्शन और ज्ञान के लिए उनकी पूजा करते हैं।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड राष्ट्रीय गौरव रत्न से विभूषित
पंडित सुधांशु तिवारी
9005804317