Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Jun, 2025 05:00 AM
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha 2.0: अयोध्या में 2 जून से राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हो चुका है। इसके तहत, 3 जून को सुबह 6:30 बजे से लेकर शाम 6:30 बजे तक विशेष धार्मिक अनुष्ठान किया गया। इसी तरह 4 जून को भी दिनभर यह...
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Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha 2.0: अयोध्या में 2 जून से राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हो चुका है। इसके तहत, 3 जून को सुबह 6:30 बजे से लेकर शाम 6:30 बजे तक विशेष धार्मिक अनुष्ठान किया गया। इसी तरह 4 जून को भी दिनभर यह पूजा-अर्चना चलेगी। मुख्य आयोजन 5 जून को दोपहर 1 बजे तक संपन्न हो जाएगा। बता दें कि 5 जून को गंगा दशहरा का पर्व है और इसी दिन अभिजीत मुहूर्त में मुख्य प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी। यह अत्यंत शुभ मुहूर्त सुबह 11:25 से 11:40 के बीच रहेगा।

अभिजीत मुहूर्त क्यों होता है खास
मान्यताओं के अनुसार, दिन के कुछ खास क्षण ऐसे होते हैं जिन्हें अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है। इन्हीं में से एक है अभिजीत मुहूर्त, जो हर दिन लगभग दोपहर के समय आता है। सामान्यतः यह समय 11:45 बजे से लेकर 12:45 बजे तक माना जाता है। हर दिन का यह मध्यकाल का भाग विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसे शुभ कार्यों के लिए अत्यंत अनुकूल समझा जाता है। पंचांग गणना के अनुसार, सूर्योदय के समय से दिन के कुल समय का आधा जोड़ने पर यह मध्यकाल प्राप्त होता है, और उसके दोनों ओर लगभग 24-24 मिनट यानी कुल 48 मिनट का समय अभिजीत मुहूर्त माना जाता है। इस कालखंड में किया गया कोई भी कार्य सकारात्मक परिणाम देने वाला होता है इसलिए धार्मिक कार्यों और विशेष आयोजनों में इस मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है।

अयोध्या के भव्य राम मंदिर में राम दरबार के साथ-साथ कुल सात अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों की भी स्थापना की जा रही है। ये सभी मंदिर गर्भगृह के निकट, प्रथम तल पर बनाए गए आयताकार परिक्रमापथ के चारों कोनों में स्थित होंगे, जिससे पूरी संरचना धार्मिक दृष्टि से और भी दिव्य बन रही है। 3 जून की सुबह से मंदिर परिसर में मुख्य धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत हो चुकी है। इस पवित्र कार्य को संपन्न कराने के लिए 101 वेदपाठी और ऋत्विजों की एक विशिष्ट टीम पूरे अनुष्ठानों को मंत्रों की उच्चारित ध्वनि के साथ विधिपूर्वक संचालित कर रही है। इसी दौरान सूर्य देव, माता जानकी और भगवान हनुमान की प्रतिमाओं की स्थापना की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है, जिससे वातावरण पूरी तरह से आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो उठा है।