Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Mar, 2023 08:50 AM
आज बात करेंगे शनि देव के बारे में। शनि देव ने 17 जनवरी को गोचर किया था कुंभ राशि में और उसके बाद कुछ राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई है और कुछ राशियों के ऊपर से शनि का प्रभाव कम हुआ है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Shani rashi parivartan शनि राशि परिवर्तन: आज बात करेंगे शनि देव के बारे में। शनि देव ने 17 जनवरी को गोचर किया था कुंभ राशि में और उसके बाद कुछ राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई है और कुछ राशियों के ऊपर से शनि का प्रभाव कम हुआ है। 17 के बाद 30 को शनि अस्त हो गए और अब दोबारा से 5 मार्च को उदय होंगे और ये गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण होगा क्योंकि 30 साल बाद शनि कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि देव की दो राशियां हैं एक मकर और दूसरी कुंभ राशि। शनिदेव का प्रिय घर कुम्भ राशि है। शनि का उदय होना इसलिए ज्यादा अहम है क्योंकि शनि 31 साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश के दौरान शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। शनिदेव जब राहु के नक्षत्र में जाएंगे तो पूरे प्रभावी हो जाएंगे। शतभिषा नक्षत्र कर्म फल देने वाला नक्षत्र है। इसके अच्छे फल देखने को मिलेंगे। 15 अक्टूबर तक शनि इसी नक्षत्र में रहेंगे। इसके बाद फिर धनिष्ठा में जाएंगे और 24 नवंबर को दोबारा शतभिषा में आएंगे। इस नक्षत्र में रहने के दौरान शनि कर्म के हिसाब से फल देंगे।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
मेष राशि: बात करेंगे मेष राशि के जातकों के बारे में कि इनके ऊपर गोचर का कैसा प्रभाव रहेगा। मेष राशि के लिए शनि देव का गोचर ग्यारहवें भाव में हो रहा है। ग्याहरवां भाव यानी शनि देव का अपना भाव। यहां पर शनि देव मूल त्रिकोण राशि में हैं और लग्न देख रहे हैं। जब शनि की दृष्टि चन्द्रमा के ऊपर पड़ती है तो थोड़ा सा आलसी और जिद्दी बना देती है। हालांकि चंद्रमा से शनि का गोचर अच्छा होता है क्योंकि पाप ग्रह जो होते हैं वो 3, 6, 11 में अच्छा फल देते हैं। शनि जिस भाव में बैठते हैं, उस भाव को मजबूत कर देते हैं। यहां पर शनि आय स्थान से गोचर करेंगे और आय स्थान में वृद्धि हो सकती है। यदि मेष राशि के जातकों को मेहनत का फल नहीं मिल रहा था तो 15 मार्च के बाद ये चाह भी पूरी हो जाएगी।
यदि आपकी कुंडली में शनिदेव की महादशा चल रही है तो आपको ये बहुत अच्छा फल करेगा क्योंकि शनि आपकी कुंडली में कर्म और आय स्थान के स्वामी हैं। मेष राशि वालों के लिए शनिदेव का उदय होना बहुत अच्छा है। शनिदेव यहां से देखेंगे पंचम भाव को। मेष राशि की जो गर्भवती महिला हैं, उनको थोड़ा सा ध्यान रखने की जरूरत है।
शनि की एक दृष्टि जाएगी आपके अष्टम स्थान के ऊपर। अष्टम स्थान छुपे हुए धन का भाव है। यहां पर फायदा मिलने की संभावना है। मेष राशि के जातकों के लिए शनि का उदय होना बहुत लाभकारी साबित होगा।
नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728
