Edited By Jyoti,Updated: 07 Jul, 2020 05:39 PM
अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको आए दिन महान विद्वानों द्वारा बताए गए ऐसे तथ्य बताते रहते हैं जो मानव जीवन को अच्छा बनाने में बहुत लाभदायक साबित होते हैं।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको आए दिन महान विद्वानों द्वारा बताए गए ऐसे तथ्य बताते रहते हैं जो मानव जीवन को अच्छा बनाने में बहुत लाभदायक साबित होते हैं। इनमें कुछ नाम ऐसे हैं जो मुख्य रूप से सामने आते हैं वो है आचार्य चाणक्य, महात्मा विदुर, शुक्राचार्य आदि। मगर आप जानते हैं कि इनसे भी ऊपर एक विद्वान हैं, जो लगभग हर किसी के प्रिय हैं। हम बात कर रहे हैं देवों के देव महादेव की। जी हां, शास्त्रों में इनसे जुड़े कुछ ऐसे तथ्य मिलते हैं, जिनके माध्यम से मानव को ये जानने को मिलता है कि प्रत्येक व्यक्ति को किन बातों को ध्यान में रखते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं, क्या है वो बातें-
कथाएं प्रचलित हैं, पुरातन काल में केवल समुद्र हुआ करता था, जब ये हटा तो धीरे-धीरे धरती का प्राक्ट्य हुआ। धरती पर अलग-अलग धर्मों के लोग निवास करने लगे। किंवदंतियों के अनुसार दुनिया के सभी धर्मों के मूल भगवान शिव हैं। जिनके दर्शन की गाथाएं प्रत्येक ग्रंथ में विद्यमान हैं। इन्हीं ग्रंथों में इनके कुछ ऐसे विचार भी हैं जो मानव जीवन के लिए बहुत ही लाभदायक हैं।
ज्ञान से भी महत्वपूर्ण है कल्पना:
कहा जाता है कि आइंस्टाइन ने लोगों को ये बताया कि कल्पना ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण है। मगर क्या जानते हैं असल में भगवान शिव ने आइंस्टाइन से पहले ही लोगों ये ज्ञान दिया, जिसके आधार पर भोलेनाथ ने 112 विधियों का विकास किया था।
बदलाव के लिए ध्यान ज़रूरी है:
ग्रंथों में मिले वर्णन के अनुसार भगवान शंकर कहते हैं कोई भी व्यक्ति बदलाव की प्रथामिकता को समझे बिना अपने आप में बदलाव नहीं ला सकता है। और अब सवाल ये बहै कि बदलाव होता कैसा है। बता दें इसके लिए आप के लिए ध्यान करना बेहद ज़रूरी है।
पशुवत है प्रत्येक आदमी:
कहा जाता है जब तक इंसान में राग, द्वेष, ईर्ष्या, वैमनस , अपमान और हिंसा जैसे भाव, विचार विद्यमान रहते हैं तब तक वह पशुओं का ही हिस्सा रहता है। इन विचारों तथा भावों की मुक्ति के लिए भक्ति तथा ध्यान करना बेहद ज़रूरी है।
प्रकृति का सम्मान ज़रूर:
कहा जाता है प्रकृति ने हमें जीवन दान दिया है। इसलिए इसका सम्मान करना हमारा पहला फ़र्ज़ है। जो इसका अपमान करता है समझ लो उसने मेरा अपमान किया है। प्रकृति के कुछ नियम है और दुनिया का हर काम प्रकृति के नियमों के अनुसार ही होता है।