Shabari Jayanti: आज के दिन श्री राम ने दिए थे मां शबरी को दर्शन, पढ़ें कथा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Feb, 2023 05:03 AM

shabari jayanti

आज 13 फरवरी फाल्गुन माह की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाएगी। इस पर्व पर शबरी माता की पूजा एक देवी के रूप में करते हैं। कहते हैं कि त्रेता युग में आज के दिन ही भगवान राम ने मां शबरी को दर्शन दिए थे और

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Shabari Jayanti 2023: आज 13 फरवरी फाल्गुन माह की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाएगी। इस पर्व पर शबरी माता की पूजा एक देवी के रूप में करते हैं। कहते हैं कि त्रेता युग में आज के दिन ही भगवान राम ने मां शबरी को दर्शन दिए थे और उनके झूठे बेर खाए थे। ये देखकर लक्ष्मण भगवान भी बहुत आश्चर्यचकित हुए। इस वजह से इस दिन भगवान और भक्त की साथ में पूजा होती है।

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Who was Sabri Mata कौन थी शबरी माता: शबरी का संबंध भील समुदाय से होने के कारण उनका नाम श्रमणा था। किंवदंती के अनुसार जब शबरी का विवाह होने वाला था तो उनके पिता ने शबरी का विवाह भील कुमार से तय किया। उस समय पर बलि देने की प्रथा थी। इसका शबरी ने बहुत विरोध किया। बलि प्रथा को समाप्त करने के लिए उन्होंने शादी नहीं की। इस वजह से वो वन में जाकर रहने लगी। माता शबरी के गुरू मतंग ऋषि थे। माता शबरी की सेवा से प्रसन्न होकर उनके गुरु ने वचन दिया की उन्हें स्वयं भगवान दर्शन देने आएंगे। अपने गुरु पर विश्वास कर वह प्रतिदिन भगवान के आने की राह देखती। बहुत से लोग उनका परिहास भी करते लेकिन वह उन पर तनिक भी ध्यान न देती। श्रीराम के दर्शनों की लालसा में माता शबरी का विश्वास और गहरा होता जाता। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल के दौरान माता शबरी को दर्शन दिए।

आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Shabri Jayanti Muhurat शबरी जयंती मुहूर्तः
पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण सप्तमी तिथि की शुरुआत 12 फरवरी सुबह 9.45 बजे से होगी। 13 फरवरी को सुबह 9.45 बजे ये संपन्न हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार सप्तमी यानी शबरी जयंती 13 फरवरी को मनाई जाएगी।

Worship method of Shabri Jayanti शबरी जयंती की पूजा विधिः व्रत करने का संकल्प लें। अगर व्रत नहीं कर सकते तो भगवान राम के मंदिर में जाकर बेर का भोग लगाएं और उनकी पूजा करें।

घर के मंदिर में भगवान राम और माता शबरी की फोटो रखें। फोटो नहीं है तो श्रीराम की प्रतिमा या तस्वीर को सामने रख लें।
फल विशेष रुप से बेर, फूल, दूर्वा, सिंदूर, अक्षत चढ़ाएं और धूप-दीप अगरबत्ती जलाकर उनकी पूजा करें। इन मंत्रो का जाप करें।

Mantra मंत्र: श्री रामचन्द्राय नमः

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे । सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने

श्री राम जय राम जय जय राम

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