Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Dec, 2025 09:32 AM

Shri Banke Bihari Mandir: सर्दी बढ़ते ही लोगों ने जहां गर्म कपड़े निकाल लिए हैं, वहीं वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भी सेवायत अपने आराध्य की सेवा को लेकर अधिक सजग हो गए हैं। ठाकुरजी को ठंड से बचाने के लिए उन्हें गर्म पोशाक पहनाई जा रही है
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Shri Banke Bihari Mandir: सर्दी बढ़ते ही लोगों ने जहां गर्म कपड़े निकाल लिए हैं, वहीं वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भी सेवायत अपने आराध्य की सेवा को लेकर अधिक सजग हो गए हैं। ठाकुरजी को ठंड से बचाने के लिए उन्हें गर्म पोशाक पहनाई जा रही है और भोग में ऐसे व्यंजन शामिल किए जा रहे हैं, जो सर्द मौसम में शरीर को गर्म रखने में सहायक हों।
सेवायत प्रतिदिन ठाकुरजी के शरीर पर हिना और केसर मिले इत्र से मालिश भी कर रहे हैं, जिससे उन्हें पर्याप्त गर्माहट मिल सके। इस मौसम में ठाकुरजी को केसर-बादाम का हलवा, मेवों से भरपूर गरम दूध और पंचमेवा जैसे पौष्टिक पदार्थ भोग में अर्पित किए जा रहे हैं।
स्वामी हरिदास द्वारा स्थापित परंपरा के अनुसार विहार पंचमी के बाद हर साल ठाकुरजी की सेवा में बदलाव किया जाता है। इसी क्रम में इस वर्ष भी पंचमेवा की मात्रा बढ़ा दी गई है और सर्दी के अनुकूल ‘सनील’ यानी गर्म वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। विश्राम करते समय भी उन्हें हिना, केसर और सुगंधित इत्र से मालिश देकर गर्म रखा जा रहा है।
मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी बताते हैं कि मौसम बदलते ही ठाकुरजी की पोशाक और भोग दोनों में परिवर्तन करना परंपरा का हिस्सा है। इसलिए इस समय सूखे मेवे, केसरयुक्त दूध और अन्य गरिष्ठ पदार्थ अधिक मात्रा में परोसे जा रहे हैं।
पूरे दिन में ठाकुरजी को चार पहरों में अलग-अलग भोग लगाए जाते हैं- सुबह बालभोग, दोपहर राजभोग, शाम उत्थापन भोग और रात को शयन भोग। रात्रि विश्राम के दौरान उन्हें गर्म केसर-दूध और पान भी अर्पित किया जाता है। साथ ही, यदि ठाकुरजी को रात में भूख लगे तो उनके शयनकक्ष में टिफिन में चार लड्डू भी रखे जाते हैं।