इस स्थान पर घड़े में मिली थी माता सीता, अब यहां बनेगा भव्य मंदिर

Edited By Updated: 15 Apr, 2018 01:49 PM

sita temple in sitamadhi

नई दिल्ली: बिहार के सीतामढ़ी में मौजूद ‘‘सीता मंदिर’’ का पुनरूद्धार कर उसे भव्य रूप दिया जाएगा और यह पहल बिहार सरकार और पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से ‘रामायण सर्किट के तहत आगे बढ़ाई जाएगी। भव्य सीता मंदिर के निर्माण के विषय को पिछले 7 वर्षों से आगे...

नई दिल्ली: बिहार के सीतामढ़ी में मौजूद ‘‘सीता मंदिर’’ का पुनरूद्धार कर उसे भव्य रूप दिया जाएगा और यह पहल बिहार सरकार और पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से ‘रामायण सर्किट के तहत आगे बढ़ाई जाएगी। भव्य सीता मंदिर के निर्माण के विषय को पिछले 7 वर्षों से आगे बढ़ा रहे भाजपा के उपाध्यक्ष प्रभात झा ने ‘‘भाषा’’ से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुनौरा धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का आग्रह स्वीकार कर लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मां जानकी की प्राकट्य स्थली बिहार के सीतामढ़ी जिले के पास पुनौरा धाम में है। मैंने और जगतगुरू रामभद्राचार्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया था कि वे पुनौरा धाम का जीर्णोद्धार वैशाली और नालंदा की तर्ज पर प्रारंभ करें।’’

 

पुनौरा धाम में 17 अप्रैल को जानकी महोत्सव शुरू हो रहा है जिसमें बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक शामिल होंगे। 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुनौरा धाम आएंगे और ‘‘मां जानकी मंदिर’’ से जुड़ी विस्तृत योजना की घोषणा करेंगे। झा ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘बुद्ध सर्किट’ की तर्ज पर ‘सीता सर्किट’ बनाए जाने की जरूरत है। सीतामढ़ी के सांसद रामकुमार शर्मा ने कहा कि इस कार्य योजना को आगे बढ़ाने के साथ ही पवित्र स्थल का कायाकल्य भी किया जाएगा। मंदिर को भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि अयोध्या से सीतामढ़ी को जोड़ने के लिए सीधी सड़क योजना को मंजूरी मिल गई है। अयोध्या से सीतामढ़ी से होते हुए जनकपुर तक जाने वाली इस सड़क को राम जानकी सड़क के रूप में जाना जाएगा। 


रामायण काल से जुड़े स्थलों को विकसित करने के लिए ‘रामायण सर्किट’ योजना को भी केन्द्र सरकार से मंजूरी मिली है और जिन रास्तों पर भगवान राम चले थे, उन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। बिहार के पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रामायण सर्किट से जुड़ने के बाद जिले के उपेक्षित स्थलों का जीर्णोद्धार किया जाएगा और इन्हें विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत पुनौरा धाम, जानकी स्थान, हलेश्वर स्थान एवं पंथपाकर को भी रामायण सर्किट से जोड़ा जाएगा। प्रभात झा ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि मिथिला नरेश जनक ने इंद्र देव को खुश करने के लिए अपने हाथों से यहां हल चलाया था। इसी दौरान एक घड़े में देवी सीता बालिका रूप में उन्हें मिलीं। मंदिर के अलावा यहां एक पवित्र कुंड है और इस स्थान के संबंध में कोई विवाद भी नहीं है। ऐसे में भव्य जानकी मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने जानकी नवमी मनाने का फैसला किया था। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 175 किलोमीटर दूर नुवारा एलिया में भी भव्य सीता अम्मा मंदिर है। यह इलाका श्रीलंका के सबसे लोकप्रिय पर्यटन केंद्रों में से एक है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!