Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Aug, 2025 09:30 AM

Smile Please: थोड़ा-थोड़ा जोड़ने की आदत बना लोगे तो एक दिन बड़ी राशि के मालिक बन जाओगे। यह वक्त पर आपकी मदद का सबब बनेगी। आपको किसी के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे।
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Smile Please: थोड़ा-थोड़ा जोड़ने की आदत बना लोगे तो एक दिन बड़ी राशि के मालिक बन जाओगे। यह वक्त पर आपकी मदद का सबब बनेगी। आपको किसी के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे।
हम माता-पिता या गौमाता की सेवा करते हैं या किसी की मदद करते हैं तो हम किसी पर एहसान नहीं कर रहे। यह तो हम अपने नाम की एफ.डी. बनवा रहे हैं। गीता में लिखा है कि हमारे किए कर्मों का फल जरूर मिलता है।
जो श्रम करने से हमें आनंद प्राप्त होता है वह हमारी व्याधियों के लिए अमृत तुल्य औषधि है। इससे हमारी वेदना शांत होती है। कार्य में उत्साह ही प्राण है।
उत्साह वह ज्वाला है जो हमारा कार्य रूपी इंजन चलाने का आधार तैयार करती है। —स्वेट मार्डेन
चाहते हो आपके घर में खुशहाली हो तो आज से बांटना शुरू कर दो। बांटने वालों की झोलियां हमेशा भरी रहती हैं। किसी के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ते। —दर्शना भल्ला
थोड़ा सिर झुका कर देखिए। अहंकार मिट जाएगा। आंखों से आंसू गिरा कर तो देखिए पत्थर भी पिघल जाएगा। संतों की वाणी में बड़ी शक्ति होती है। इसके प्रभाव से मनुष्य के अंदर का मैल धुल जाता है। —राष्ट्र संत चंद्रप्रभ

कहते हो कि टैंशन बनी हुई है। यह किसी दूसरे ने नहीं बनाई यह आप ने खुद बना रखी है। हिम्मत से ज्यादा बोझ नहीं उठाओ और आमदनी से ज्यादा खर्च करना छोड़ दो। सत्संग में जाने लग जाओ। —दीदी मां ऋम्भरा
शक्ति का दुरुपयोग मनुष्य को राक्षस बना देता है। कीॢत और लक्ष्मी श्रम के अधीन हैं। आलसी वृति का त्याग करें और श्रम में विश्वास रखें। —अज्ञात
यदि आप चाहते हैं कि हमारा आदर-सत्कार हो, हमारे भाव बढ़ जाएं तो आप अपना स्वभाव बदल लें। भगवान महावीर और भगवान श्री राम इसलिए नहीं पूजे जाते कि वे सुंदर थे, इसलिए पूजे जाते हैं क्योंकि उनके चरित्र सुंदर थे। चरित्रवान का हर कोई आदर करता है। —राष्ट्र संत ललित प्रभ
