Edited By Sarita Thapa,Updated: 11 May, 2025 12:44 PM

Swami Vivekananda story: एक बार बनारस में स्वामी विवेकानंद मां दुर्गा जी के मंदिर के समीप से निकल रहे थे कि तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया। वे उनसे प्रसाद छीनने लगे और उन्हें डराने भी लगे।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Swami Vivekananda story: एक बार बनारस में स्वामी विवेकानंद मां दुर्गा जी के मंदिर के समीप से निकल रहे थे कि तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया। वे उनसे प्रसाद छीनने लगे और उन्हें डराने भी लगे। स्वामी जी बहुत भयभीत हो गए और खुद को बचाने के लिए भागने लगे। बंदर तो मानो पीछे ही पड़ गए और वे भी उनके पीछे-पीछे दौड़ने लगे।
पास खड़े एक वृद्ध संन्यासी ये सब देख रहे थे। उन्होंने स्वामी जी को रोका और कहा, “रुको। डरो मत, उनका सामना करो और देखो क्या होता है।”

वृद्ध संन्यासी की बातें सुनकर स्वामी जी तुरन्त पलटे और बंदरों की तरफ बढ़ने लगे। उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब उनके ऐसा करते ही सभी बंदर भाग गए। उन्होंने वृद्ध संन्यासी को इस सलाह के लिए बहुत धन्यवाद किया।
इस घटना से स्वामी जी को एक अच्छी सीख मिली और कई सालों बाद उन्होंने एक संबोधन में इसका जिक्र भी किया और कहा, “यदि तुम कभी किसी चीज से भयभीत हो, तो उससे भागो मत, पलटो और सामना करो।”
वाकई, यदि हम भी अपने जीवन में आई मुसीबतों का सामना करें और उनसे भागें नहीं तो बहुत सी मुसीबतों का समाधान तो अपने आप ही हो जाएगा।
