Utpanna Ekadashi: आज के दिन प्रकट हुई थी एकादशी, जानें महत्वपूर्ण बातें

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Dec, 2023 09:23 AM

utpnna ekadashi

उत्पन्ना एकादशी का व्रत जो जन करता है, वह सभी सुखों को भोगकर अंत में श्री विष्णु जी की शरण में चला जाता है। उनको तीर्थ और दर्शन करने से जो पुण्य़ मिलता है वह एकादशी व्रत के पुण्य के सोलहवें

Happy Utpanna Ekadashi 2023: उत्पन्ना एकादशी का व्रत जो जन करता है, वह सभी सुखों को भोगकर अंत में श्री विष्णु जी की शरण में चला जाता है। व्यक्ति को तीर्थ और दर्शन करने से जो पुण्य मिलता है, वह एकादशी व्रत के पुण्य के सोलहवें भाग के बराबर भी नहीं है। इसके अतिरिक्त व्यतीपात योग, संक्रान्ति में तथा चन्द्र-सूर्य ग्रहण में दान देने से और कुरुक्षेत्र में स्नान करने से जो पुण्य मिलता है, वही पुण्य मनुष्य को एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है।

New year Lucky zodiac sign: 2024 में इन राशियों पर माता लक्ष्मी की बनी रहेगी खास कृपा

Geeta Jayanti: इस दिन मनाई जाएगी गीता जयंती की 5160वीं वर्षगांठ 

राहू-केतू का परिवर्तन और शनि की क्रूर दृष्टि बनी कांग्रेस की हार का कारण !

आज का राशिफल 8 दिसंबर, 2023- सभी मूलांक वालों के लिए कैसा रहेगा  

आज का पंचांग- 8 दिसंबर, 2023

Geeta Jayanti: इस दिन मनाई जाएगी गीता जयंती की 5160वीं वर्षगांठ 

Tarot Card Rashifal (8th december): टैरो कार्ड्स से करें अपने भविष्य के दर्शन

लव राशिफल 8 दिसंबर- ज़िक्र तुम्हारा जब-जब होता है, देखो न होंठों पे तेरा एहसास रह जाता है

बाला चतुर्दशी पर्व : पशुपतिनाथ मंदिर के आसपास एक सप्ताह के लिए मांस व शराब पर प्रतिबंध

PunjabKesari Utpanna Ekadashi
What is utpanna Ekadashi उत्पन्ना एकादशी से शुरू करें एकादशी व्रत

एकादशी व्रत का आरंभ उत्पन्ना एकादशी से किया जाता है। एकादशी का जन्म भगवान श्री हरि विष्णु से हुआ है। ये एक देवी है, जो उत्पन्ना एकादशी के दिन प्रकट हुई थी।

PunjabKesari Utpanna Ekadashi
Utpanna Ekadashi 2023 puja vidhi- उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि

एकादशी के दिन ब्रह्म मूहर्त में श्री हरि विष्णु की पुष्प, फूल, जल धूप, अक्षत से पूजा की जाती है। इस व्रत में केवल फलाहार का ही भोग लगाया जाता है। यह मोक्ष देने वाला व्रत माना जाता है।

PunjabKesari Utpanna Ekadashi
Utpanna Ekadashi significance उत्पन्ना एकादशी महत्व

दश श्रेष्ठ ब्राह्माणों को भोजन कराने से जो पुण्य मिलता है। वह पुण्य एकादशी के पुण्य के दसवें भाग के बराबर होता है। निर्जल व्रत करने का आधा फल एक बार भोजन करने के बराबर होता है। इस व्रत में शंख से जल नहीं पीना चाहिए। एकादशी व्रत का फल हज़ार यज्ञों से भी अधिक है।

PunjabKesari  Utpanna Ekadashi

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!