Varadharaja Perumal Temple: 40 वर्ष में एक बार पूजे जाते हैं इष्टदेव

Edited By Updated: 05 Apr, 2025 01:19 PM

varadharaja perumal temple

Varadharaja Perumal Temple: तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्री वरदराजा पेरुमल मंदिर का इतिहास बेहद प्राचीन व रोचक है। इस मंदिर को श्री देवराज स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता रहा है। मंदिर भगवान विष्णु जी को समर्पित है जो अथि वरदराजा या वरदराजा...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Varadharaja Perumal Temple: तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्री वरदराजा पेरुमल मंदिर का इतिहास बेहद प्राचीन व रोचक है। इस मंदिर को श्री देवराज स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता रहा है। मंदिर भगवान विष्णु जी को समर्पित है जो अथि वरदराजा या वरदराजा स्वामी के रूप में पूजे जाते हैं। मंदिर की विशेषता है कि पूरे विश्व में यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां मंदिर के इष्टदेव 40 वर्षों में एक बार पूजे जाते हैं, क्योंकि 40 साल में एक बार ही भगवान वरदराजा स्वामी की मूर्ति मंदिर परिसर में स्थित पवित्र अनंत सरोवर से बाहर आती है।

PunjabKesari Varadharaja Perumal Temple

मानव जीवन में आयु के आधार पर देखा जाए तो इंसान इस मूर्ति के दर्शन एक या अधिक से अधिक दो बार ही कर सकता है। धार्मिक मान्यताओं व इतिहास के आधार पर माता सरस्वती नाराज होकर देवलोक से इस स्थान पर आ गई थीं।

इसके बाद जब सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी उन्हें मनाने के लिए आए तो उनको देखकर माता सरस्वती वेगवती नदी के रूप में बहने लगीं। ब्रह्माजी ने इस स्थान पर अश्वमेध यज्ञ करने का निर्णय लिया। उनके यज्ञ का विध्वंस करने के लिए माता सरस्वती नदी के तीव्र वेग के साथ आईं। तब माता सरस्वती के क्रोध को शांत करने के लिए यज्ञ की वेदी से भगवान विष्णु श्री वरदराजा स्वामी के रूप में प्रकट हुए।

PunjabKesari Varadharaja Perumal Temple

इस क्षेत्र में अंजीर के पेड़ों का एक विशाल जंगल था, इसलिए इन्हीं अंजीर के पेड़ों की लकड़ी से देवों के शिल्पकार विश्वकर्मा जी ने श्री वरदराजा की प्रतिमा का निर्माण किया था। अंजीर को ‘अथि’ के नाम से जाना जाता है। इसी वजह से भगवान श्री वरदराजा को ‘अथि वरदराजा’ के रूप में भी जाना जाने लगा। विश्वकर्मा जी ने अथि वरदराजा की 12 फुट की मूर्ति का निर्माण किया था।

इस मंदिर को ध्वस्त करने के लिए कई मुस्लिम शासकों ने आक्रमण किया लेकिन कभी पूर्णत: ध्वस्त नहीं कर पाए। 11वीं शताब्दी के दौरान मंदिर का निर्माण महान चोल शासकों ने कराया था और इसके बाद हिन्दू राजा बार-बार इस मंदिर की मुरम्मत कराते रहे। देश ही नहीं, विदेशों तक इस मंदिर को जाना जाता है और लोग दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं।

PunjabKesari Varadharaja Perumal Temple

इस मंदिर के दर्शन के लिए कांचीपुरम पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा चेन्नई इंटरनैशनल एयरपोर्ट है और यहां से मंदिर 58 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके अलावा कांचीपुरम ट्रेन की सहायता से आसानी से पहुंचा जा सकता है। कांचीपुरम रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 4 किलोमीटर है।

 

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!