आज कल लोग अपने घर को सुंदर व सबसे अच्छा बनवाने के लिए इंटीरियर पर बहुत ध्यान देते हैं। परंतु ये लोग केवल घर को ही बनाते, वहां बनाए गए पूजा स्थल की ओर खास ध्यान नहीं देते।
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आज कल लोग अपने घर को सुंदर व सबसे अच्छा बनवाने के लिए इंटीरियर पर बहुत ध्यान देते हैं। परंतु ये लोग केवल घर को ही बनाते, वहां बनाए गए पूजा स्थल की ओर खास ध्यान नहीं देते। जो वास्तु शास्त्र के अनुसार आपको अशुभ प्रदान कर सकता है। तो अगर आप भी अपने घर के पूजा स्थल से जुड़ी बातों की नज़रअंदाज़ करते हैं तो बता दें आपको भी वास्तु शास्त्र में इससे संबंधित बताई गई बातों को ध्यान में रखना चाहिए। अन्यथा आपको भी इसका हर्ज़ाना भुगतना पड़ सकता है। वास्तु विशेषज्ञों की मानें प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए वे अपने घर के पूजा घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए वहां का वातावरण शुद्ध रखें। परंतु कई बार जाने-अनजाने में कभी गलतियां कर बैठते हैं जिससे हमारी पूजा भी निष्फल हो जाती है।

वास्तु शास्त्र में ऐसे लोगों के लिए ऐसी जानकारी दी गई है जिससे आपकी पूजा निष्फल नहीं होगी, आइए जानते हं ये उपाय-
इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि मंदिर में भगवान की मूर्तियों सामने की तरफ़ रखनी चाहिए। इसके अलावा घर के किसी और जगह पर भगवान की मूर्ति कभी भी नहीं रखनी चाहिए कि, न ही ऐसे रखें कि उसके पीछे का भाग, यानि पीठ दिखाई दें। इसे हमेशा ऐसा रखें कि मूर्ति बिल्कुल सामने से दिखे।
घर के पूजा स्थल में गणेश जी की दो से अधिक मूर्तियां या तस्वीर न रखें। ऐसा कहा जाता है इससे शुभ नहीं बल्कि अशुभ फल प्राप्त होते हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के दो अलग-अलग जगहों पर एक भगवान की दो तस्वीर हो रख सकते हैं परंतु एक ही जगह पर एक भगवान की साथ में दो तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए।

इसके अलावा भगवान की ऐसी मूर्ति या तस्वीर भी मंदिर में नहीं रखनी चाहिए, जो युद्ध की मुद्रा में हो या जिसमें भगवान रौद्र रूप में हो।
घर में किसी भी भगवान की खंडित मूर्तियां नहीं रखें। अगर घर में ऐसी कोई प्रतिमा हो तो उसे तुरंत विसर्जित कर दें। ध्यान रहे घर में हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद की मुद्रा वाली भगवान की मूर्तियां ही लगानी चाहिए। इससे घर व मंदिर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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