जानें कैसे टॉम क्रूज ने 30 सालों से Mission: Impossible को एक्शन जॉनर की टॉप फ्रेंचाइज़ी बनाए रखा

Updated: 01 May, 2025 11:23 AM

mission impossible is the top franchise of action genre

62 साल के टॉम क्रूज़, जो अब भी थमने का नाम नहीं ले रहे, अपने करियर का सबसे आइकोनिक किरदार इथन हंट बनने के लिए एक बार फिर तैयार हैं।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। एक ऐसी दुनिया में जहाँ एंटरटेनमेंट की दुनिया लगातार बदल रही है, एक आदमी ने सबसे असंभव मिशन को पूरा किया है कन्सिस्टेंसी। 62 साल के टॉम क्रूज़, जो अब भी थमने का नाम नहीं ले रहे, अपने करियर का सबसे आइकोनिक किरदार एथन हंट बनने के लिए एक बार फिर तैयार हैं। Mission: Impossible – The Final Reckoning के साथ वो इस 30 साल पुराने सफ़र का आख़िरी चैप्टर लिखने जा रहे हैं एक ऐसा सफ़र जिसने एक्शन सिनेमा की परिभाषा को हर दौर के साथ नया रूप दिया है।

जब 1996 में Mission: Impossible पहली बार पर्दे पर आई, तब यह ब्रायन डी पाल्मा द्वारा निर्देशित एक स्लीक स्पाई थ्रिलर थी  थ्रिल, टेंशन और जासूसी से भरपूर। उस समय शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह फिल्म, जो अपने स्केल और विजन में बेहद एम्बिशियस थी, एक ऐसी फ्रेंचाइज़ी की नींव रखेगी जो ट्रेंड्स और वक़्त  दोनों से ऊपर उठ जाएगी।

इस फ्रेंचाइज़ी की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह वक़्त के साथ बूढ़ी नहीं हुई, बल्कि और ज़्यादा बोल्ड और बड़ा बनती गई। हर बार स्टेक्स, स्टंट्स और स्केल को एक लेवल ऊपर ले जाना। टॉम क्रूज़ और उनकी टीम ने रियलिज़्म और ऑथेन्टिसिटी को इतनी शिद्दत से अपनाया कि कई बार जान जोखिम में डाल कर भी वो परफेक्ट, हैरतअंगेज़ सीन के लिए तैयार रहे। चाहे Rogue Nation में उड़ते प्लेन से लटकना हो, Ghost Protocol में बुर्ज खलीफा पर चढ़ना, या Fallout में वो आइकॉनिक HALO जंप  क्रूज़ ने हमेशा क्लियर कर दिया है: ऑडियंस को हमेशा पता होगा जब कुछ रियल होगा। आज Mission: Impossible एक ओरिजिनल, लगातार इवॉल्व होती और थ्रिलिंग फ्रेंचाइज़ी है, जो हर रिलीज़ के साथ लाइमलाइट में रहती है।

लेकिन इस स्पेक्टेकल के पीछे एक बेहद मजबूत कैरेक्टर जर्नी भी छुपी है। एक स्पाई के अलावा, एथन हंट वफ़ादारी, जुनून और अपनी जान दांव पर लगाने का दूसरा नाम बन चुका है। वक्त के साथ, टॉम क्रूज़ ने इस कैरेक्टर को इन्विंसिबिलिटी से बाहर निकाल कर उसमें वल्नरेबिलिटी भी जोड़ी है  और यही वजह है कि लोग उन्हें एक हीरो नहीं, बल्कि एक इंसान के तौर पर भी महसूस करते हैं।

ये फ्रेंचाइज़ी दरअसल खुद टॉम क्रूज़ के सफ़र का भी आइना है। कभी यंग, कूल सनग्लासेस वाला हॉटशॉट आज एक अनुभवी, समझदार लेकिन उतना ही डेयरिंग लीजेंड। शायद यही इस फ्रेंचाइज़ी का सीक्रेट है: क्रूज़ ने कभी इसे रूटीन नहीं बनने दिया। हर फिल्म को आख़िरी फिल्म की तरह ट्रीट किया हर बार पसीना, जुनून और परफेक्शन झोंक कर।

अब The Final Reckoning के साथ सिर्फ एथन हंट ही नहीं, बल्कि खुद टॉम क्रूज़ और इस ज़माने की एक्शन ब्लॉकबस्टर सिनेमाई स्टाइल का भी फाइनल एग्ज़ाम है। अगर वाकई ये आख़िरी मिशन है, तो ये सिर्फ एक कैरेक्टर का गुडबाय नहीं, एक दौर का सलाम भी है  प्रैक्टिकल फिल्ममेकिंग, ब्लॉकबस्टर एम्बिशन और हॉलीवुड के सबसे डिटरमाइंड स्टार की फाइटिंग स्पिरिट को।

टॉम क्रूज़ ने सिर्फ इथन हंट को जिया नहीं, वो खुद ही मिशन बन गए। और इसी में उन्होंने दुनिया को दिखाया कि इम्पॉसिबल भी पॉसिबल हो सकता है।

फिल्म भारत में 17 मई को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है। इंग्लिश, हिंदी, तमिल और तेलुगु में IMAX के साथ!

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