ब्रिटिश पत्रकार का दावा- वुहान लैब में बदले गए 1000 जानवरों के जीन, यहीं से फैला कोरोना वायरस

Edited By Tanuja,Updated: 07 Jun, 2021 02:12 PM

british journalist reports genes changed from over 1000 animals in wuhan lab

ब्रिटिश पत्रकार ने कहा- वुहान लैब में बंदर और खरगोश सहित 1,000 जानवरों के जीन बदले गए; जानवरों को वायरस के इंजेक्शन भी लगाए...

लंदनः चीन में लंबे समय तक रहे ब्रिटिश पत्रकार जैस्पर बेकर ने कोरोना वायरस कोरोना वायरस को लेकर  नया दावा किया है। कोरोना की शुरुआत को लेकर दुनिया के निशाने पर आए चीन के वुहान शहर के बारे में  ब्रिटिश पत्रकार  ने कहा कि वुहान की लैब में जैनेटिक इंजीनियरिंग की मदद से 1,000 से ज्यादा जानवरों के जीन बदल दिए गए हैं। इन जानवारों में बंदर और खरगोश भी शामिल हैं। वुहान से ही पूरी दुनिया में कोरोनावायरस फैला था। ब्रिटिश पत्रकार जैस्पर बेकर ने चीनी मीडिया में प्रकाशित कई लेखों के हवाले से जारी इस रिपोर्ट में यह खुलासा किया है।

 

यह रिपोर्ट स्थानीय अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित की गई है। इसमें कहा गया है कि चीन की प्रयोगशाला में जानवरों को वायरस के इंजेक्शन लगाए गए  ताकि उनके जीन बदल जाएं। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि इंजेक्शन में इस्तेमाल की गई सामग्री के कारण कोरोनावायरस की उत्पत्ति हुई। बताया जाता है कि चीन अपनी प्रयोगशालाओं में ऐसे प्रयोग भी करा रहा है, जो अन्य देशों में प्रतिबंधित हैं। यहां तक कि वे इंसानों पर भी प्रयोग कर रहे हैं। जबकि कई देशों में ऐसे प्रयोग अनैतिक माने जाते हैं। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि वुहान से ही पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का फैलाव हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार चीनी शिक्षाविदों ने वुहान लैब के बारे में कई लेख लिखे हैं। इनमें एक का शीर्षक ‘कोरोना की संभावित उत्पत्ति’ है। इसमें कहा गया है कि वुहान सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने अपने लैब में बीमार जानवर रखे हैं। इनमें करीब 605 चमगादड़ है। ये चमगादड़ शोधकर्ताओं पर हमला भी करते हैं।

 

कुछ चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि वुहान की वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली ने दूरस्थ गुफाओं का दौरा किया था। वे यहां चमगादड़ों पर शोध कर रही थीं। चीन में झेंगली ‘बैट वुमन’ नाम से जानी जाती हैं। संभव है कि झेंगली ने ही लैब में कोरोनावायरस बनाया हो। झेंगली ने कई चूहों को वायरस का इंजेक्शन लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की ज्यादातर खतरनाक लैब की निगरानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी कर रही है। सेना दो बातों पर निगरानी रख रही है। पहला- जीन में ऐसा बदलाव, जिससे बेहतर सैनिक तैयार हों और दूसरा- ऐसे सूक्ष्म जीवों की खोज, जिनका जीन नए जैविक हथियार बनाने के लिए बदला जा सके।

 

वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि इंजेक्शन में इस्तेमाल की गई सामग्री के कारण कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई। रिपोर्ट में इसका भी उल्लेख है कि चीन अपनी प्रयोगशालाओं में ऐसे प्रयोग भी करा रहा है जो अन्य देशों में प्रतिबंधित हैं। यहां तक कि वे इंसानों पर भी प्रयोग कर रहे हैं  जबकि दुनिया के कई देशों में ऐसे प्रयोग गैरकानूनी और अनैतिक हैं। बता दें कि दुनिया के आरोपों के बीच चीन यह दर्शाने की कोशिश करता है कि वुहान या अन्य स्थानों में प्रयोगशालाएं जैव सुरक्षा पर शोध के लिए बनाई गई हैं, लेकिन यहां जीवित जानवरों पर प्रयोग किए जा रहे हैं। इसमें उनकी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। यहां देखा गया है कि टेस्ट ट्यूब में रखे गए रोगजनक जीवों को देखकर बंदर भागने, काटने और खरोंचने लगते हैं।

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