अब इस मुस्लिम देश पर चलेगा चीन का 'राज', राजधानी पर लगाया अपना झंडा

Edited By Tanuja,Updated: 09 Jun, 2025 07:51 PM

china at the centre of egypt s new capital

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाद अब चीन ने एक और मुस्लिम देश को अपनी आर्थिक कूटनीति के जाल में फंसा लिया है  और वो है मिस्र। ये सिर्फ निवेश तक सीमित नहीं है, अब बात एक पूरे शहर को खड़ा करने और उसे चलाने की...

International Desk: पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाद अब चीन ने एक और मुस्लिम देश को अपनी आर्थिक कूटनीति के जाल में फंसा लिया है  और वो है मिस्र। ये सिर्फ निवेश तक सीमित नहीं है, अब बात एक पूरे शहर को खड़ा करने और उसे चलाने की हो रही है। मिस्र की नई राजधानी न्यू एडमिनिस्ट्रेटिव कैपिटल (NAC)  अब केवल इजिप्ट की नहीं रही। इसे बनाने से लेकर संचालन तक की जिम्मेदारी चीन ने ले ली है, और इस तरह एक संप्रभु देश की नब्ज अब बीजिंग के हाथ में है। कैरो से करीब 45 किलोमीटर दूर बनी इस राजधानी का दिल है सेंट्रल बिज़नेस डिस्ट्रिक्ट (CBD), जिसे चीन की सरकारी कंपनी  चाइना स्टेट कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (CSCEC) ने तैयार किया है।

 

अब यही कंपनी इसे  ऑपरेट, मैनेज और मेंटेन भी कर रही है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि चीन अब सिर्फ ठेके नहीं ले रहा, बल्कि वह इन परियोजनाओं पर  मालिकाना हक भी चाहता है। CBD में राष्ट्रपति भवन, संसद, कई विदेशी दूतावासों की जगहें और अफ्रीका की सबसे ऊंची इमारत 385.8 मीटर ऊंचा आइकोनिक टावर शामिल है। इस पूरे क्षेत्र पर अब चीन का वर्चस्व है, क्योंकि मिस्र ने इस निर्माण को  कॉस्ट-प्लस-मार्जिन मॉडल  पर सौंपा है। यानी निर्माण के बाद देखरेख और संचालन की जिम्मेदारी भी उसी के पास है जिसने इसे बनाया और वो है चीन।

 

2023 से अब तक मिस्र सरकार अपने 30,000 से ज्यादा कर्मचारियों को इस नई राजधानी में शिफ्ट कर चुकी है। संसद, मंत्रालय और अन्य प्रमुख विभाग अब उस इलाके में बैठ रहे हैं, जिसे चीन ने खड़ा किया है और अब चला रहा है। यह सब चीन की महत्वाकांक्षी योजना  बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा है, जिसे वह अफ्रीका और मिडल ईस्ट में तेज़ी से फैला रहा है। इस परियोजना में चीन के एक्सिम बैंक और अन्य संस्थानों ने 2.2 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश किया है।

 

चीन के डिप्टी हाउसिंग मिनिस्टर के अनुसार यह साझेदारी एक म्यूचुअल बेनिफिट मॉडल  है, लेकिन असल में इससे फायदा बीजिंग को ज्यादा और नियंत्रण भी उसके हाथ में है।यह सिर्फ एक ठेका नहीं एक रणनीतिक विस्तार है। मिस्र की सरकारी कंपनी अरब कॉन्ट्रैक्टर्स  और CSCEC का यह संयुक्त उपक्रम अब केवल मिस्र ही नहीं, पूरे अफ्रीका में चीन की घुसपैठ का नया रास्ता बन गया है। आर्थिक लाभ के साथ-साथ यह साझेदारी चीन को राजनीतिक दबदबे और भूराजनीतिक प्रभाव  की भी ताकत देती है और यही उसकी असली रणनीति है।

 

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