ईरान-इजरायल सीजफायर के बाद ज़्यादा पावरफुल हुए डोनाल्ड ट्रंप, मिली 'सुप्रीम' पावर, अब नहीं रोका जा सकेगा ये काम

Edited By Updated: 24 Jun, 2025 01:45 PM

donald trump became more powerful after iran israel ceasefire

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा अधिकार दिया है, जिसके तहत वे अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को तीसरे देशों में निर्वासित कर सकते हैं। ट्रंप प्रशासन इसे सुरक्षा की जीत मान रहा है, जबकि उदारवादी जजों ने इसे हजारों...

नेशनल डेस्क: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा अधिकार दिया है, जिसके तहत वे अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को तीसरे देशों में निर्वासित कर सकते हैं। ट्रंप प्रशासन इसे सुरक्षा की जीत मान रहा है, जबकि उदारवादी जजों ने इसे हजारों प्रवासियों के लिए यातना या मौत का खतरा बताया है।

ट्रंप की इमीग्रेशन नीतियों की बड़ी जीत-

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एक निचली अदालत के आदेश को अस्थायी रूप से पलटता है। निचली अदालत ने कहा था कि प्रवासियों को निर्वासन से पहले अपनी आपत्ति दर्ज करने का मौका मिलना चाहिए। ट्रंप प्रशासन ने एक नीति शुरू की है जिसके तहत उन प्रवासियों को तीसरे देशों में भेजा जाता है जिन्हें उनके अपने देश में वापस नहीं भेजा जा सकता। इनमें से कुछ प्रवासी अमेरिका में अपराध करने के दोषी भी हैं। यह फैसला ट्रंप की सख्त इमीग्रेशन नीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दक्षिण सूडान भेजे जा सकते हैं प्रवासी-

यह मामला मई 2025 में 8 प्रवासियों को दक्षिण सूडान भेजने की कोशिश से जुड़ा है। हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से सात लोग दक्षिण सूडान के नागरिक भी नहीं हैं, फिर भी उन्हें हिंसा और अस्थिरता वाले इस देश में भेजा जा रहा था। दक्षिण सूडान जाने वाली फ्लाइट को जिबूती में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर रोका गया था, जहां प्रवासी और अमेरिकी अधिकारी कठिन परिस्थितियों में रह रहे थे। इस मामले की सुनवाई पहले बोस्टन की अदालत में हुई थी, जहां जज ब्रायन मर्फी ने आदेश दिया था कि प्रवासियों को कम से कम 10 दिन का समय मिलना चाहिए ताकि वे यह दावा कर सकें कि तीसरे देश में उन्हें यातना या खतरा हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा निचली अदालत का फैसला-

सुप्रीम कोर्ट ने जज मर्फी के इस आदेश पर रोक लगा दी है। इसका सीधा मतलब यह है कि ट्रंप सरकार अब तीसरे देशों में निर्वासन की प्रक्रिया को तेज कर सकेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का तीन उदारवादी जजों - सोनिया सोतोमायोर, एलेना केगन और केतांजी ब्राउन जैक्सन - ने कड़ा विरोध किया। जज सोतोमायोर ने चेतावनी दी कि यह फैसला हजारों प्रवासियों को "यातना या मौत के जोखिम" में डाल सकता है। वहीं ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ये प्रवासी खतरनाक अपराधी हैं और उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं।

डोनाल्ड ट्रंप की इच्छा हुई पूरी-

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि अब निर्वासन विमान तैयार करें। ट्रंप प्रशासन इसे अमेरिकी सुरक्षा की जीत मान रहा है। यह केस ट्रंप की सख्त आव्रजन नीतियों का हिस्सा है, जो प्रवासियों को उनके गृह देश के अलावा अन्य देशों में भेजने की अनुमति देता है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सरकार की इस विवादास्पद नीति को बढ़ावा देने वाला है, ठीक वैसे ही जैसे डोनाल्ड ट्रंप चाहते थे।

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