Edited By Tanuja,Updated: 25 Oct, 2025 02:01 PM

FATF ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि ग्रे लिस्ट से बाहर होने का मतलब आतंक फंडिंग से सुरक्षा नहीं है। जैश-ए-मोहम्मद ऑनलाइन जिहाद क्लासेज चला रहा है और आतंक नेटवर्क डिजिटल वॉलेट्स, क्रिप्टो और NGO खातों का इस्तेमाल कर फंड ट्रांसफर कर रहे हैं। निगरानी...
Paris: वैश्विक आतंक वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था FATF ने पाकिस्तान को फिर से चेतावनी दी है। FATF की चेयरमैन एलिसा डी अंडा माद्राजो ने कहा कि डिजिटल फाइनेंसिंग का दुरुपयोग कर आतंक नेटवर्क्स को समर्थन दिया जा रहा है और यह वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
FATF ने स्पष्ट किया कि अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर करना आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों से सुरक्षा की गारंटी नहीं है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) महिलाओं को संगठन में शामिल करने के लिए ऑनलाइन जिहाद क्लासेज चला रहा है, जिससे वे आगे जाकर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हों।
FATF ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि डिजिटल वित्तीय लेन-देन और फिनटेक कंपनियों की निगरानी और तेज़ की जाए। पाकिस्तान के आतंक नेटवर्क अब क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स, प्रीपेड वॉलेट्स और नकली NGO खातों का इस्तेमाल करके धन का प्रवाह कर रहे हैं। ये फंड्स दुबई और अन्य देशों के वॉलेट्स से होकर पाकिस्तान पहुँच रहे हैं, और कई खातों को ISI के ऑपरेटिव्स द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।