जर्मनी के इस शहर में लोगों को मिल रहा बिल्कुल मुफ्त घर, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Edited By Updated: 26 Jun, 2025 01:44 PM

german town offers free homes to combat shrinking population

जर्मनी, जिसे तकनीक, अनुशासन और शानदार जीवनशैली के लिए जाना जाता है, आज एक अनोखी चुनौती से जूझ रहा है - घटती जनसंख्या और उम्रदराज होते शहर। जर्मनी के पूर्वी हिस्से में स्थित छोटा औद्योगिक शहर गुबेन (Guben) इसका सबसे बड़ा उदाहरण बन चुका है। तीन दशक...

नेशनल डेस्क: जर्मनी, जिसे तकनीक, अनुशासन और शानदार जीवनशैली के लिए जाना जाता है, आज एक अनोखी चुनौती से जूझ रहा है – घटती जनसंख्या और उम्रदराज होते शहर। जर्मनी के पूर्वी हिस्से में स्थित छोटा औद्योगिक शहर गुबेन (Guben) इसका सबसे बड़ा उदाहरण बन चुका है। तीन दशक पहले यानी 1995 में जहां गुबेन की जनसंख्या लगभग 29,100 थी, वहीं आज यह घटकर मात्र 16,600 रह गई है। अनुमान है कि 2030 तक यह संख्या और 16% घट सकती है।

कम जन्म दर और युवाओं का पलायन बना मुख्य कारण

जर्मनी जैसे विकसित देश में जन्म दर में गिरावट देखी जा रही है। आज की पीढ़ी कम बच्चे पैदा कर रही है और वहीं युवा वर्ग बेहतर नौकरी और सुविधाओं की तलाश में पश्चिमी राज्यों की ओर पलायन कर रहा है। इसके साथ ही बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है, जिससे कामकाजी लोगों की संख्या में गिरावट हो रही है। गुबेन जैसे शहर, जहां पहले फैक्ट्रियां और उद्योग चलते थे, अब वहां रोजगार की संभावनाएं सीमित हैं। ऐसे में यह शहर अब धीरे-धीरे खाली हो रहे हैं।

मुफ्त में रहने का ऑफर

जनसंख्या गिरावट की इस समस्या से निपटने के लिए गुबेन प्रशासन ने अनोखा तरीका अपनाया है। अब शहर में लोगों को मुफ्त में घर देकर बसने का न्योता दिया जा रहा है। मकसद है – शहर में जीवन और कामकाज को फिर से सक्रिय बनाना। इस योजना के तहत कई लोग अब बर्लिन जैसे बड़े और भीड़भाड़ वाले शहरों को छोड़कर गुबेन जैसे शांत और खुली जगहों वाले शहरों में रहने का फैसला कर रहे हैं।

अनिका फ्रांत्से की कहानी

अनिका फ्रांत्से, जो पहले बर्लिन में रहती थीं, अब गुबेन में बस चुकी हैं। वे बताती हैं कि वहां की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या उन्हें परेशान कर रही थी। गुबेन आने के बाद उन्हें यहां शांति, खुली जगहें और आरामदायक जीवन मिला। अनिका जैसी कई महिलाएं और परिवार इस ऑफर का फायदा उठा चुके हैं।
गुबेन की वर्तमान जनसंख्या पहले ही लगभग आधी हो चुकी है। लेकिन चिंता की बात यह है कि 2030 तक इसमें और 16% की गिरावट आने की संभावना है। वहीं कामकाजी आयु वर्ग की आबादी में 27% की कमी होने की आशंका जताई जा रही है। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवाओं पर भी असर पड़ेगा।

मीडिया कवरेज से बढ़ा आकर्षण

जब यह खबर मीडिया में आई कि जर्मनी के कुछ शहरों में मुफ्त में घर देकर लोग बसाए जा रहे हैं, तो यह खबर तेजी से फैली। कई लोग, यहां तक कि विदेशी नागरिक भी इन शहरों में बसने की संभावनाएं देखने लगे।

गुबेन क्यों बना लोगों की पसंद?

गुबेन जैसे शहरों में:

  • कोई ट्रैफिक जाम नहीं होता।

  • पर्यावरण साफ-सुथरा होता है।

  • रहने का खर्च बेहद कम होता है।

  • बच्चों की परवरिश के लिए आदर्श माहौल होता है

  • बुजुर्गों को मिलती है सुकून भरी जिंदगी

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