Edited By Tanuja,Updated: 24 Jun, 2025 12:54 PM

इजराइल ने अमेरिकी Ceasefire प्रस्ताव किया स्वीकार , को 'ईरानी परमाणु खतरा' समाप्त करने में मदद के लिए धन्यवाद दिया। इजराइल ने अमेरिका द्वारा मध्यस्थता में तैयार किए गए युद्धविराम प्रस्ताव ...
International Desk: इजराइल ने अमेरिका द्वारा मध्यस्थता में तैयार किए गए युद्धविराम प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद देते हुए कहा कि “ईरानी परमाणु खतरे को समाप्त करने में ट्रंप की भूमिका निर्णायक रही”।
युद्धविराम समझौते की मुख्य बातें
- ट्रंप ने ट्वीट में बताया कि ट्रस्ट और शांति का यह समझौता 12-दिवसीय युद्ध को समाप्त करेगा ।
- समझौते के अनुरूप, ईरान ने ओपरेशन बंद करने की बात कही।
- जबकि इज़राइल ने भी आगे कोई नया हमले नहीं करने का आश्वासन दिया ।
- समझौता पूर्णतः लागू होने की शर्त : सबसे पहले ईरान और उसके बाद इज़राइल के हमले बंद होंगे।
- ट्रंप ने कहा यह एक 12 + 12 घंटे का चरणबद्ध रक्षा युद्धविराम होगा ।
नेतन्याहू का बयान
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रेस नोट में कहा कि इज़राइल ने “Operation Rising Lion” के सभी उद्देश्य पूरे कर लिए हैं जिसमें ईरान की परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को क्षति पहुंचाना मुख्य था । “इज़राइल ने परमाणु और मिसाइल खतरे को खत्म किया है,” उन्होंने कहा, और ट्रंप को “बहुत-बहुत धन्यवाद” दिया ।
अमेरिका का रोल
ट्रंप ने दावा किया यह "एक मेज पर शांति लाने वाला" कदम है, जिसमें Qatar और अमेरिकी अधिकारियों की बातचीत अहम थी। व्हाइट हाउस ने कहा कि देखरेख की जिम्मेदारी और क्षेत्रीय तनाव कम करना इसकी प्रमुख वजह थी ।
ईरान की शर्तें और सतर्कता
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ट्वीट कर कहा कि सोशल मीडिया आधारित घोषणा के अनुसार ईरान के पास कोई फाइनल समझौता नहीं था । उन्होंने शर्त रखी "यदि इज़राइल ने सुबह 4 बजे तक हमले बंद किए, तो ईरान भी जवाब बंद करेगा" और कहा कि अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा ।
दीर्घकालिक स्थिरता जटिल
Marko Rubio समेत कई अमेरिकी नेताओं ने कहा कि यह "जबरदस्त कूटनीतिक सफलता" हो सकती है, बशर्ते यह लंबे समय तक कायम रहे । तेल की कीमतों में गिरावट आई और स्टॉक मार्केट की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही । हालांकि, विशेषज्ञों ने चेताया है कि वर्तमान संघर्ष में विराम देना तो आसान था, लेकिन दीर्घकालिक स्थिरता जटिल होगी खासकर जब ईरान के पास अभी भी परमाणु क्षमता काबू में हो सकती है ।