Edited By Tanuja,Updated: 11 Oct, 2025 07:38 PM

गाजा सीजफायर के दूसरे दिन ही इजरायल-हमास में विवाद खड़ा हो गया। इजरायल ने हाई-प्रोफाइल कैदी मरवान बरगूती की रिहाई से इंकार किया। 250 कैदियों की रिहाई सूची जारी की गई, लेकिन बरगूती इसमें शामिल नहीं। हमास ने बार-बार रिहाई की मांग दोहराई। सुरक्षा और...
International Desk: गाजा में संघर्षविराम लागू होने के महज दूसरे ही दिन इजरायल और हमास के बीच नई खींचतान सामने आई है। बंधकों और कैदियों की रिहाई को लेकर दोनों पक्षों में मतभेद उभर आए हैं, जिससे समझौते की स्थिरता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। इजरायल ने स्पष्ट किया कि वह हाई-प्रोफाइल फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा नहीं करेगा, जिनमें हमास के प्रमुख नेता मरवान बरगूती भी शामिल हैं।
इजरायल का बरगूती को रिहा करने से इंकार
इजरायल का कहना है कि बरगूती आतंकवादी हैं और उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली हुई है। हमास ने बार-बार उच्च-प्रोफाइल कैदियों की रिहाई की मांग की है, लेकिन इजरायल ने इसे सुरक्षा कारणों से अस्वीकार कर दिया। बरगूती हमास के प्रमुख नेता और फिलिस्तीनी राजनीतिक संघर्ष के प्रतीक माने जाते हैं।
250 कैदियों की सूची जारी, बरगूती शामिल नहीं
इजरायल ने 250 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए सूची जारी की है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं कि सूची अंतिम है या नहीं। सूची में अधिकांश रिहा होने वाले कैदी शामिल हैं, लेकिन बरगूती का नाम नहीं है।
हमास ने रिहाई की मांग दोहराई
हमास के वरिष्ठ अधिकारी मूसा अबू मरजूक ने कहा कि संगठन बरगूती और अन्य हाई-प्रोफाइल कैदियों की रिहाई पर मध्यस्थों के साथ बातचीत जारी रखे हुए है। उनके अनुसार, बरगूती की रिहाई फिलिस्तीनी संघर्ष की दिशा में अहम कदम हो सकता है।
इजरायल की नजर में बरगूती खतरा
बरगूती 2004 में इजरायल पर हुए हमले में दोषी पाए गए थे, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई थी। इजरायल उन्हें गंभीर सुरक्षा खतरे के रूप में देखता है। बंधक और कैदियों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया संवेदनशील और जटिल है, जो राजनीतिक समाधान के साथ-साथ सुरक्षा और भरोसे पर भी निर्भर करती है।