Edited By Pardeep,Updated: 04 Jun, 2025 05:44 AM

दक्षिण कोरिया में विपक्षी उम्मीदवार ली जे-म्यांग मंगलवार देर रात को राष्ट्रपति निर्वाचित हो गए। यह जीत देश में कई महीनों से जारी राजनीतिक उथल-पुथल का अंत करेगी, जो अब अपदस्थ रूढ़िवादी नेता यून सुक येओल द्वारा ‘मार्शल लॉ' लागू करने के आश्चर्यजनक...
इंटरनेशनल डेस्कः दक्षिण कोरिया में विपक्षी उम्मीदवार ली जे-म्यांग मंगलवार देर रात को राष्ट्रपति निर्वाचित हो गए। यह जीत देश में कई महीनों से जारी राजनीतिक उथल-पुथल का अंत करेगी, जो अब अपदस्थ रूढ़िवादी नेता यून सुक येओल द्वारा ‘मार्शल लॉ' लागू करने के आश्चर्यजनक फैसले के कारण शुरू हुई थी।
यह स्पष्ट नहीं है कि ली के चुनाव से दक्षिण कोरिया की विदेश नीति में कोई बड़ा और तात्कालिक बदलाव आएगा या नहीं। ली पर पहले आलोचकों द्वारा चीन और उत्तर कोरिया की ओर झुकाव और अमेरिका और जापान से दूर रहने का आरोप लगाया गया था। ली ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि दक्षिण कोरिया का अमेरिका के साथ गठबंधन उसकी विदेश नीति का आधार है।
दक्षिण कोरिया के नये राष्ट्रपति के सामने सबसे कठिन बाहरी चुनौतियां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कर नीति और उत्तर कोरिया का बढ़ता परमाणु कार्यक्रम हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जो भी राष्ट्रपति बनेगा, वह इन मुद्दों पर दक्षिण कोरिया के पक्ष में बड़ी प्रगति सुनिश्चित करने के लिए कुछ खास नहीं कर पाएगा।
स्थानीय समयानुसार, मंगलवार देर रात 2:40 बजे तक लगभग 95 प्रतिशत मतों की गिनती हो चुकी थी। इसके अनुसार डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ली 48.86 प्रतिशत मतों के साथ आगे थे। मुख्य रूढ़िवादी उम्मीदवार किम मून सू को 41.98 प्रतिशत मत मिले। ली की जीत की औपचारिक घोषणा से पहले ही किम ने अपनी हार स्वीकार कर ली थी और पत्रकारों से कहा था कि वह "लोगों की पसंद को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं।"
किम ने ली को बधाई भी दी थी। इससे पहले ली सियोल की सड़कों पर हज़ारों समर्थकों के सामने आए। उन्होंने औपचारिक रूप से जीत का दावा नहीं किया, लेकिन अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने, उत्तर कोरिया के साथ शांति को बढ़ावा देने जैसे अपने प्रमुख नीतिगत लक्ष्यों को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद के साथ आगे बढ़ना चाहिए और इस पल से एक नयी शुरुआत करनी चाहिए।" विजयी उम्मीदवार को बुधवार को तत्काल ही राष्ट्रपति पद की शपथ दिला दी जाएगी।