Edited By Rohini Oberoi,Updated: 11 Jul, 2025 09:34 AM

भारत के मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा के कनाडा स्थित कैफे 'कैप्स कैफे' पर हुई फायरिंग की खबर ने सभी को चौंका दिया है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हमलावर कार से पिस्टल निकालकर ताबड़तोड़ फायरिंग करता दिख रहा है। इस सनसनीखेज मामले में...
इंटरनेशनल डेस्क। भारत के मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा के कनाडा स्थित कैफे 'कैप्स कैफे' पर हुई फायरिंग की खबर ने सभी को चौंका दिया है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हमलावर कार से पिस्टल निकालकर ताबड़तोड़ फायरिंग करता दिख रहा है। इस सनसनीखेज मामले में हरजीत सिंह उर्फ लाडी नाम के एक खालिस्तानी आतंकी का नाम सामने आया है जो पंजाब के नवांशहर जिले के गांव गरपधाना का रहने वाला है। लाडी के पिता का नाम कुलदीप सिंह है।
NIA का मोस्ट वांटेड, 10 लाख का इनाम
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के मुताबिक, लाडी खालिस्तान समर्थक मॉड्यूल का एक सक्रिय सदस्य है और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) जैसे आतंकी संगठनों के विदेशी आकाओं से जुड़ा हुआ है। NIA ने हरजीत सिंह उर्फ लाडी को फरार आतंकवादी घोषित कर रखा है और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम है।
लाडी का नाम भारत में विश्व हिंदू परिषद (VHP) नेता विकास बग्गा की हत्या से भी जुड़ा है। जून 2024 में इस केस की जांच NIA को सौंपी गई थी, जिसमें हरजीत लाडी, कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू और कई अन्य लोग इसके साजिशकर्ता निकले थे।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंध और फंडिंग के सबूत
NIA के अनुसार, हरजीत लाडी न केवल खुद सक्रिय है, बल्कि वह विदेश में बैठे आतंकी फाइनेंसरों और हैंडलरों के संपर्क में भी है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े गुर्गों के साथ उसकी बातचीत और फंडिंग को लेकर अब तक कई डिजिटल सबूत जुटाए जा चुके हैं।
पंजाब में FIR नहीं, लेकिन NIA की लिस्ट में टॉप पर
यह हैरान करने वाली बात है कि पंजाब पुलिस की ओर से अभी तक हरजीत सिंह लाडी के खिलाफ कोई औपचारिक एफआईआर या चार्जशीट सार्वजनिक नहीं की गई है। हालांकि, NIA की जांच में उसे मोस्ट वांटेड करार दिया गया है। इससे पता चलता है कि लाडी के खिलाफ जो सबूत हैं, वे बेहद संवेदनशील हैं।
हरजीत सिंह उर्फ लाडी को पकड़ने के लिए NIA ने न सिर्फ इनाम की घोषणा की है, बल्कि सूचना देने के लिए व्हाट्सएप, ई-मेल और कंट्रोल रूम नंबर भी सार्वजनिक किए हैं। ऐसे में अगर लाडी पकड़ा जाता है तो संभव है कि कई और चेहरे बेनकाब होंगे, जो भारत में बैठकर विदेश में दहशत फैला रहे हैं।
यह घटना कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों और भारत विरोधी तत्वों के बढ़ते नेटवर्क पर गंभीर सवाल खड़े करती है।